पत्नी ने प्रेमी संग मिलकर पति को उतारा मौत के घाट, जहर की शीशी के ढक्कन और चप्पल से खुला बेवफाई का राज

    लोकेश के परिवार ने चंद्रकला पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने बताया कि चंद्रकला का किसी अन्य व्यक्ति से प्रेम संबंध चल रहा था, और लोकेश को हाल ही में इस बारे में पता चला था. पुलिस ने इस जानकारी को गंभीरता से लिया और जांच का दायरा बढ़ाया.

    wife along with her lover killed her husband In Bengaluru
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Internet

    Bengaluru Crime News: वक़्त बदल रहा है और उसके साथ बदल रही हैं इंसानी सोच, रिश्तों की परिभाषाएं और भरोसे की बुनियादें. कभी शादी को सात जन्मों का पवित्र बंधन कहा जाता था. लेकिन अब जैसे ही कुछ महीनों या कुछ सालों में ही सब कुछ टूटने लगता है. ताज़ा मामला बेंगलुरु से आया है, जहां एक पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही पति की हत्या कर दी और पूरे मामले को आत्महत्या का रंग देने की कोशिश की. यह कोई आम क्राइम केस नहीं है. इसमें हर मोड़ पर कहानी ने रुख बदला और आखिरकार पुलिस की सतर्कता ने इस जघन्य हत्या का भंडाफोड़ कर दिया.

    फिल्मी सीन जैसे रचा गया मर्डर प्लॉट

    घटना की शुरुआत होती है बेंगलुरु के दक्षिण जिले के कण्व बांध के पास, जहां एक व्यक्ति का शव उसकी कार से कुछ ही दूरी पर पड़ा मिला. उसके पास ज़हर की एक खाली शीशी पड़ी थी और पत्नी विलाप करते हुए बार-बार कह रही थी, "तुमने ऐसा क्यों किया?" सब कुछ आत्महत्या जैसा लग रहा था. लेकिन जैसे ही पुलिस ने मामले की तहकीकात शुरू की, उन्हें एक के बाद एक ऐसी बातें मिलीं, जिनसे पूरी कहानी ही बदल गई.

    पुलिस की सतर्कता ने किया पहला शक पैदा

    पुलिस इंस्पेक्टर बी.के. प्रकाश और सब-इंस्पेक्टर सहाना पाटिल ने घटनास्थल की गहन छानबीन की. उन्होंने सबसे पहले ज़हर की शीशी का ढक्कन खोजा जो नहीं मिला. फिर उन्होंने देखा कि मृतक के पैरों में केवल एक ही चप्पल थी. इस पर पुलिस उपाधीक्षक के.सी. गिरी ने सवाल उठाया, "आख़िर कोई इंसान आत्महत्या करते समय एक चप्पल क्यों पहनेगा?" इन्हीं सवालों ने आत्महत्या के शक को कत्ल के शक में बदल दिया.

    मृतक की पहचान और संदिग्ध बर्ताव

    मृतक की पहचान लोकेश कुमार (45) के रूप में हुई, जो चिकन दुकानों का मालिक और मकाली ग्राम पंचायत के पूर्व अध्यक्ष थे. उनकी पत्नी चंद्रकला, वर्तमान में ग्राम पंचायत सदस्य हैं. घटना के तुरंत बाद उन्होंने मीडिया के सामने खूब आंसू बहाए और प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी दर्दनाक अभिनय किया. लेकिन दूसरी ओर, लोकेश के परिवार ने पुलिस को जो बताया, उसने मामले को और गहराई दी.

    प्रेम-प्रसंग और पारिवारिक शक

    लोकेश के परिवार ने चंद्रकला पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने बताया कि चंद्रकला का किसी अन्य व्यक्ति से प्रेम संबंध चल रहा था, और लोकेश को हाल ही में इस बारे में पता चला था. पुलिस ने इस जानकारी को गंभीरता से लिया और जांच का दायरा बढ़ाया. सबसे पहले पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने चौंका दिया क्योंकि ज़हर आमतौर पर पेट में पाया जाता है, लेकिन इस केस में वह सीने में था. इससे यह संकेत मिला कि ज़हर जबरदस्ती निगलवाया गया है.

    सीसीटीवी और कॉल रिकॉर्ड्स ने खोली सच्चाई की परतें

    पुलिस ने घटनास्थल के आसपास के होटलों और पेट्रोल पंपों से सीसीटीवी फुटेज इकट्ठा किए. एक काली कार बार-बार फुटेज में दिखाई दी. फिर कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स की जांच में पता चला कि चंद्रकला लगातार योगेश नाम के व्यक्ति के संपर्क में थी, जो बेंगलुरु के जनरल पोस्ट ऑफिस में कार्यरत है. लोकेशन डेटा ने भी पुष्टि की कि योगेश 23 जून की रात घटनास्थल के पास था.

    पूछताछ में टूटे दोनों, कबूल किया जुर्म

    जब पुलिस ने चंद्रकला और योगेश को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो दोनों टूट गए और अपना जुर्म कबूल कर लिया. उन्होंने बताया कि लोकेश को उनके संबंधों की भनक लग चुकी थी और वो यह बात उजागर करने वाला था. बेइज्जती से डरकर उन्होंने उसे रास्ते से हटाने का फैसला किया.

    प्लानिंग से हत्या, ड्रामा से आत्महत्या का ढोंग

    23 जून को जब लोकेश अपनी दुकान से निकला, चंद्रकला ने योगेश को उसकी लोकेशन बताई. योगेश और उसके साथी एक काली कार में लोकेश का पीछा करते हुए बांध तक पहुंचे. वहां उन्होंने लोकेश की गाड़ी को पीछे से टक्कर मारी. जैसे ही वह बाहर निकला, उसे पकड़कर कार में घसीटा गया और ज़बरदस्ती ज़हर पिला दिया गया. जब उसकी मौत हो गई, तो शव को गाड़ी से निकालकर पास ही रख दिया गया और ज़हर की खाली शीशी पास में छोड़ दी गई ताकि मामला आत्महत्या जैसा लगे. 

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