इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में सांसदों के वेतन बढ़ाने के फैसले के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन फैल गए हैं, जिससे हालात गंभीर हो गए हैं. इस बीच, राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो ने आगामी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के 2025 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए अपनी चीन यात्रा स्थगित कर दी है. वे 3 सितंबर को चीन में द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ पर 'विजय दिवस' परेड में भाग लेने वाले थे, लेकिन देश में बढ़ती हिंसा और अनिश्चित स्थिति को देखते हुए उन्होंने यह कदम उठाया.
संसद द्वारा सांसदों के वेतन में हाल ही में की गई वृद्धि को लेकर आम जनता में काफी असंतोष था. इस नाराजगी के बीच शुक्रवार को एक पुलिस बख्तरबंद वाहन द्वारा एक मोटरसाइकिल टैक्सी चालक की मौत ने तनाव को और बढ़ा दिया. मृतक के परिवार से राष्ट्रपति प्रबोवो ने मिलकर संवेदना जताई और मामले की जांच की निगरानी का भरोसा दिया.
विरोध प्रदर्शन का कारण और बढ़ती हिंसा
विरोध प्रदर्शन काफी तेजी से हिंसक रूप ले चुके हैं. जकार्ता में प्रदर्शनकारियों ने नासडेम पार्टी के नेता अहमद साहरोनी के घर में लूटपाट की, जिन्होंने प्रदर्शनकारियों को ‘मूर्ख’ कह दिया था. इसी तरह हास्य कलाकार से विधायक बने एको पैट्रियो के घर में भी तोड़फोड़ की खबरें आईं, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
गंभीर हालात आगजनी और लूटपाट
शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने क्षेत्रीय संसद भवन में आग लगा दी, जिससे तीन लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए. इसके अलावा, कई सार्वजनिक और परिवहन सुविधाओं को भी भारी नुकसान पहुंचा. इस स्थिति ने पूरे शहर को तनावग्रस्त कर दिया है.
अधिकारियों की प्रतिक्रिया और सुरक्षा सतर्कता
राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख लिस्टियो सिगित प्रबोवो ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति ने ‘अराजकता फैलाने वालों’ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि लोग अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं, लेकिन कानून तोड़ना स्वीकार्य नहीं है, खासकर सार्वजनिक संपत्ति और पुलिस मुख्यालय पर हमले. जकार्ता में विदेशी दूतावासों, जिनमें अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर शामिल हैं, ने अपने नागरिकों को विरोध प्रदर्शन और भीड़ से दूर रहने की चेतावनी जारी की है. राष्ट्रपति प्रबोवो ने स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखी है और समस्या का स्थायी समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं. फिलहाल, देश में व्याप्त अस्थिरता के कारण उनकी चीन यात्रा स्थगित की गई है, ताकि वे देश में शांति बहाल करने में ध्यान केंद्रित कर सकें.
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