इन देशों में लोग पीते हैं सांप का खून! शरीर पर नहीं होता ज़हर का असर, आखिर क्या है इसका रहस्य?

    चीन, वियतनाम, हॉन्गकॉन्ग और इंडोनेशिया जैसे देशों में 'स्नेक वाइन' यानी सांप के खून से बनी शराब बेहद लोकप्रिय है. माना जाता है कि यह न सिर्फ यौन क्षमता को बढ़ाती है, बल्कि त्वचा को जवां बनाए रखने में भी मदद करती है.

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    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    Bizarre News: जब भी सांप का नाम लिया जाता है, जहन में सबसे पहले उसके ज़हर और मौत का खौफनाक मंजर सामने आता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में ऐसे कई देश और जनजातियां हैं, जहां सांप को सिर्फ डर का प्रतीक नहीं, बल्कि ताकत, औषधि और यहां तक कि सौंदर्य का स्रोत माना जाता है? चौंकिए मत, ये हकीकत है!

    सांप का खून पीने की परंपरा

    चीन, वियतनाम, हॉन्गकॉन्ग और इंडोनेशिया जैसे देशों में 'स्नेक वाइन' यानी सांप के खून से बनी शराब बेहद लोकप्रिय है. माना जाता है कि यह न सिर्फ यौन क्षमता को बढ़ाती है, बल्कि त्वचा को जवां बनाए रखने में भी मदद करती है. कई इलाकों में यह परंपरा सदियों पुरानी है, और इसे शक्तिशाली और साहसी बनने की निशानी माना जाता है.

    कुछ जनजातियों का मानना है कि सांप का खून पीने वाला व्यक्ति बहादुर और ताकतवर होता है. लैटिन अमेरिका की कई जनजातियों में यह परंपरा आज भी जीवित है. वहीं इंडोनेशिया में तो सेना के खाने में भी सांप का खून शामिल किया जाता है.

    हजारों साल पुराना इलाज का तरीका

    इतिहास की किताबें बताती हैं कि 100 ईसा पूर्व से ही सांप के अंगों का उपयोग इलाज में किया जाता रहा है. त्वचा रोगों के इलाज के लिए सांप की त्वचा से बनी औषधियों का लेप किया जाता था. इंडोनेशिया में सांप की खाल को पारंपरिक चिकित्सा में काफी अहमियत दी जाती है.

    विज्ञान क्या कहता है?

    ‘न्यू साइंटिस्ट’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सांप के खून में फैटी एसिड्स और हृदय के लिए उपयोगी तत्व होते हैं. एक प्रयोग में वैज्ञानिकों ने सांप का ब्लड प्लाज़मा चूहों को दिया, जिससे उनके दिल की कार्यक्षमता बेहतर हुई. हालांकि, इंसानों पर यह कितना कारगर है, इस पर अभी और शोध की जरूरत है.

    क्या सांप का खून पीना सुरक्षित है?

    सवाल यह उठता है कि जब सांप इतना जहरीला होता है, तो उसका खून पीने से लोग मरते क्यों नहीं? इसका जवाब है—सांप का खून ज़हरीला नहीं होता. ज़हर एक अलग ग्रंथि में बनता है, जो सिर्फ काटते समय दांतों के ज़रिए बाहर आता है. यही कारण है कि सांप का खून पीने से ज़हर शरीर में नहीं पहुंचता.

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