UP DGP Rajeev Krishna Profile: उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था को नई रफ्तार देने की तैयारी में योगी सरकार ने एक अहम कदम उठाया है. शनिवार शाम जारी अधिसूचना के तहत 1991 बैच के सीनियर आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण को प्रदेश का नया कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया गया. राजीव कृष्ण इससे पहले पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के चेयरमैन और इंटेलिजेंस विभाग के डीजी के रूप में कार्यरत थे.
यह पहली बार नहीं है जब उत्तर प्रदेश को कार्यवाहक डीजीपी मिला है. दरअसल, राजीव कृष्ण प्रदेश के लगातार पांचवें कार्यवाहक DGP हैं. उनकी नियुक्ति ऐसे समय पर हुई है जब पुलिस प्रशासन को आधुनिक और तकनीकी रूप से दक्ष बनाने की जरूरत को बार-बार रेखांकित किया जा रहा है.
इंजीनियरिंग से IPS तक का सफर
राजीव कृष्ण का जन्म 20 जून 1969 को लखनऊ में हुआ. उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में डिग्री लेने के बाद सिविल सेवा की तैयारी शुरू की और 1991 में यूपीएससी पास करके भारतीय पुलिस सेवा में चयनित हुए.
उनकी प्रोफेशनल यात्रा भी उल्लेखनीय रही है. 1995 में सीनियर स्केल में प्रमोशन, फिर 2007 में डीआईजी, 2010 में आईजी और 2016 में एडीजी के पद पर पदोन्नति. फरवरी 2024 में उन्हें डीजी के पद पर प्रमोट किया गया.
हाईटेक पुलिसिंग के एक्सपर्ट
राजीव कृष्ण को तेज-तर्रार और तकनीक में दक्ष अधिकारी माना जाता है. आगरा के एसएसपी रहते उन्होंने बीहड़ों में चल रहे अपहरण गैंग्स पर सख्त कार्रवाई की थी. एडीजी रहते उन्होंने ऑपरेशन पहचान ऐप लॉन्च कर अपराधियों की पहचान और निगरानी को स्मार्ट बनाया. महिला सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्क्वॉड और महिला बीट की ऑनलाइन मॉनिटरिंग भी उन्हीं की पहल थी. साइबर क्राइम कंट्रोल में भी उन्होंने तकनीकी नवाचारों के ज़रिए उल्लेखनीय योगदान दिया.
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