भारतीय रसोई में मसालों का सिर्फ स्वाद बढ़ाने तक ही महत्व नहीं है, बल्कि ये सदियों से सेहत के लिए वरदान माने जाते रहे हैं. हर साल 10 जून को नेशनल हर्ब्स एंड स्पाइसेस डे मनाया जाता है, ताकि लोग इन घरेलू खजानों की सेहत पर होने वाले फायदों को समझें और इन्हें अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाएं.
आधुनिक रिसर्च भी अब इस बात की पुष्टि कर चुकी हैं कि मसाले और जड़ी-बूटियां न सिर्फ पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं, बल्कि शुगर लेवल कंट्रोल करने, मेमोरी बूस्ट करने और ब्लड प्रेशर सुधारने में भी कारगर हैं. आइए जानते हैं, कौन से मसाले रोजाना की डाइट में शामिल करने से आपकी ओवरऑल हेल्थ बेहतर रह सकती है.
स्टडी में मसालों के जबरदस्त फायदे सामने आए
2022 में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, जिन युवाओं ने लगातार चार हफ्ते तक रोजाना 7 ग्राम मिक्सड हर्ब्स का सेवन किया, उनके पाचन तंत्र में सुधार देखा गया. इन हर्ब्स में पाया जाने वाला पॉलीफेनॉल्स शरीर में सूजन कम करने में मदद करता है. इसके अलावा, 2023 में अमेरिकन जनरल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अन्य स्टडी में भी हर्ब्स के नियमित सेवन से ब्लड प्रेशर में सुधार पाया गया.
हर्ब्स और मसाले जो आपकी डाइट में जरूर होने चाहिए
1. दालचीनी: ब्लड शुगर का स्वाभाविक कंट्रोलर
अगर आप डायबिटीज़ या प्री-डायबिटिक हैं तो दालचीनी आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है. 2024 की एक स्टडी के मुताबिक, रोजाना आधा चम्मच दालचीनी पाउडर का सेवन करने से एक महीने में ब्लड शुगर लेवल में सुधार देखा जा सकता है.
2. हल्दी: प्राकृतिक एंटीबायोटिक
हल्दी केवल खाने का रंग और स्वाद नहीं बढ़ाती, बल्कि इसके अंदर मौजूद करक्यूमिन तत्व इंफ्लेमेशन को कम करने में बेहद कारगर है. 2024 में प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह पाया गया कि रोजाना 8 ग्राम हल्दी का सेवन शरीर की सूजन कम करता है. इसे सब्जियों में डालें या गर्म पानी के साथ लें, फायदा जरूर होगा.
3. अदरक: पेट के लिए वरदान
अदरक भारतीय रसोई की शान है. इसमें मौजूद जिनजेरोल्स और सोगेओल्स पाचन में मदद करते हैं और नॉसिया (मितली) की समस्या से राहत दिलाते हैं. खासतौर से प्रेगनेंसी और कीमोथेरेपी के दौरान अदरक का सेवन नॉसिया को कम करने में काफी प्रभावी माना जाता है.
4. लौंग: दांत दर्द की नेचुरल दवा
लौंग को सदियों से प्राकृतिक दर्द निवारक के रूप में जाना जाता है. 2006 की एक स्टडी में यह सामने आया कि लौंग का जेल दांत दर्द में डॉक्टर द्वारा दी जाने वाली बेहोशी की दवा बेंज़ोकेन से भी अधिक असरदार होता है. लौंग में मौजूद यूजेनॉल प्राकृतिक पेन किलर के रूप में काम करता है.
क्यों जरूरी है हर्ब्स और मसालों को अपनाना?
आज के समय में जब प्रोसेस्ड फूड और केमिकल बेस्ड दवाइयों का चलन बढ़ गया है, ऐसे में हमारे किचन के यह पारंपरिक मसाले बिना किसी साइड इफेक्ट के हेल्थ बूस्टर का काम कर सकते हैं. सही मात्रा और नियमित सेवन से ये आपको लंबे समय तक सेहतमंद रख सकते हैं.
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