मिसाइलें, ड्रोन... ईरान में हमले से क्या-क्या हुआ तबाह, क्या है वो ताकतें जिससे दहल उठेगा इजरायल?

    हाल ही में हुए इजरायली हवाई हमलों ने ईरान के महत्वपूर्ण सैन्य और परमाणु ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया है.

    What was destroyed by Israel's attack in Iran
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    हाल ही में हुए इजरायली हवाई हमलों ने ईरान के महत्वपूर्ण सैन्य और परमाणु ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया है. नतांज की परमाणु साइट, तेहरान के सैन्य कमांड सेंटर्स और ईरान के वरिष्ठ जनरल तथा वैज्ञानिकों को निशाना बनाकर इजरायल ने अपने सबसे बड़े सैन्य अभियानों में से एक को अंजाम दिया.

    इजरायल इसे एक "रोकथाम" की कार्रवाई मानता है, लेकिन सवाल यह है कि क्या ईरान की जवाब देने की क्षमता सचमुच खत्म हो गई है? क्या इजरायल के लिए खतरा अब समाप्त हो चुका है? जवाब इससे कहीं ज़्यादा जटिल है.

    ईरान की संभावित प्रतिक्रिया: पांच प्रमुख विकल्प

    ईरान की रणनीति पारंपरिक सैन्य ताकत तक सीमित नहीं है. उसके पास अब भी कई प्रभावशाली विकल्प मौजूद हैं, जो आने वाले समय में इजरायल और उसके सहयोगियों के लिए गंभीर चुनौती बन सकते हैं.

    1. बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन अटैक

    ईरान के पास 3,000 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें और लंबी दूरी तक हमला करने वाले सैकड़ों ड्रोन हैं. अतीत में ईरान ने मिसाइलों और ड्रोन के संयोजन से हमला कर अपनी तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन किया है. यदि भविष्य में ईरान व्यापक जवाबी हमला करता है, तो वह न केवल इजरायल, बल्कि क्षेत्र में मौजूद अमेरिकी ठिकानों को भी निशाना बना सकता है.

    2. प्रॉक्सी संगठनों के माध्यम से हमले

    ईरान की सबसे बड़ी ताकत उसका मजबूत प्रॉक्सी नेटवर्क है. यमन के हूती, गाज़ा में हमास, लेबनान में हिजबुल्लाह और इराक की शिया मिलिशियाएं पहले भी क्षेत्रीय तनावों में सक्रिय भूमिका निभा चुकी हैं. इन समूहों के जरिये ईरान सीमाओं से दूर रहकर भी इजरायल पर दबाव बना सकता है, जो कि एक दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा हो सकता है.

    3. होर्मुज जलडमरूमध्य का नियंत्रण

    होर्मुज जलडमरूमध्य वैश्विक तेल व्यापार के लिए सबसे महत्वपूर्ण मार्गों में से एक है. ईरान इस मार्ग पर पहले भी दबाव बना चुका है और यहां समुद्री गतिविधियों को बाधित करने की उसकी क्षमता वैश्विक तेल आपूर्ति को सीधा प्रभावित कर सकती है. यदि ईरान इस मार्ग में अशांति पैदा करता है, तो इसका आर्थिक प्रभाव पूरी दुनिया पर महसूस होगा.

    4. साइबर हमले: अगला निर्णायक मोर्चा

    ईरान साइबर युद्ध में लगातार निवेश कर रहा है. बीते वर्षों में ईरानी साइबर हमलावरों ने इजरायल की प्रमुख वित्तीय, ऊर्जा और रक्षा प्रणालियों को अस्थायी रूप से बाधित किया है. इस क्षेत्र में भविष्य में बड़े हमले की संभावना को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता.

    5. परमाणु नीति में बदलाव: सबसे गंभीर संकेत

    इजरायल के हमलों के बाद ईरान के अंदर से यह मांग उठने लगी है कि अब देश को परमाणु हथियार बनाने की दिशा में खुलकर कदम बढ़ाना चाहिए. अब तक ईरान सार्वजनिक रूप से अपने परमाणु कार्यक्रम को शांतिपूर्ण बताता रहा है, लेकिन यदि उसे अस्तित्व का खतरा महसूस होता है तो वह नीति में निर्णायक बदलाव कर सकता है.

    क्या वाकई इजरायल सुरक्षित है?

    इजरायल ने ईरान के खिलाफ जो सैन्य ऑपरेशन चलाया है, वह तकनीकी रूप से प्रभावशाली और खुफिया दृष्टि से सटीक था. लेकिन इतिहास बताता है कि ईरान लंबी लड़ाई लड़ने की तैयारी रखता है.

    ईरान के पास अब भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष युद्ध छेड़ने के अनेक रास्ते हैं. उसकी साइबर क्षमताएं, प्रॉक्सी नेटवर्क और आर्थिक दबाव की रणनीति इजरायल के लिए एक सतत चुनौती बन सकती हैं.

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