प्राइवेट कॉन्टेंट पर नहीं...सेफ रहेगा डेटा; जानें किन-किन चीजों पर रहेगी संचार ऐप की नजर

    Sanchaar Saathi App: भारत में डिजिटल सुरक्षा को नए स्तर पर ले जाने की तैयारी शुरू हो चुकी है. सरकार ने निर्देश जारी किए हैं कि आने वाले समय में हर नए स्मार्टफोन में संचार साथी ऐप पहले से इंस्टॉल होगा और यूज़र इसे हटाने या डिसेबल करने का विकल्प नहीं पाएंगे.

    What Government can see from sanchaar sathi app know details here
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    Sanchaar Saathi App: भारत में डिजिटल सुरक्षा को नए स्तर पर ले जाने की तैयारी शुरू हो चुकी है. सरकार ने निर्देश जारी किए हैं कि आने वाले समय में हर नए स्मार्टफोन में संचार साथी ऐप पहले से इंस्टॉल होगा और यूज़र इसे हटाने या डिसेबल करने का विकल्प नहीं पाएंगे. वहीं पुराने स्मार्टफोन में यह ऐप अनिवार्य सॉफ़्टवेयर अपडेट के माध्यम से पहुंचाया जाएगा. जैसे ही यह घोषणा हुई, लोगों के मन में एक ही सवाल गूंजने लगा—क्या इस ऐप के बहाने सरकार हमारे फोन की निगरानी करेगी? क्या यह हमारी कॉल, चैट या फोटो तक पहुंच बनाएगा? इसी सवाल ने बहस को जन्म दिया है.

    यह ऐप किसी की जासूसी के लिए डिजाइन नहीं किया गया. सरकार की मानें तो इसका उद्देश्य देश में तेजी से बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को रोकना और टेलीकॉम यूज़र्स को सुरक्षित रखना है. देश में कई मामले सामने आए हैं जहां किसी की पहचान का गलत इस्तेमाल कर सिम कार्ड जारी किया गया या चोरी हुए मोबाइल का अपराधों में उपयोग किया गया. संचार साथी इन्हीं समस्याओं पर नियंत्रण के लिए एक तकनीकी हथियार है. सरकार ने साफ किया है कि यह ऐप न तो कॉल टैप करेगा, न मैसेज पढ़ेगा और न ही फोन के निजी डेटा तक पहुंच बनाएगा. इसका पूरा दायरा केवल टेलीकॉम पहचान और मोबाइल डिवाइस की वैधता तक सीमित है.

    एक आईडी पर कितने नंबर चल रहे हैं—सारे राज़ खुलेंगे

    संचार साथी का एक बड़ा उद्देश्य पहचान से जुड़े सिम कार्डों की पारदर्शिता सुनिश्चित करना है. कई बार आपकी आईडी के नाम पर किसी और ने सिम कार्ड निकलवा लिया हो और आपको पता भी न चले. यह ऐप यूज़र और सरकार—दोनों को दिखा देगा कि किसी एक पहचान पर कितने मोबाइल नंबर सक्रिय हैं. यदि कोई नंबर आपकी जानकारी के बिना लिया गया है तो आप तुरंत उसकी शिकायत कर सकते हैं और उसे बंद भी करवा सकते हैं.

    चोरी या खोए फोन का तुरंत ब्लॉक और ट्रैकिंग

    यह ऐप सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर से जुड़ा है, जो मोबाइल चोरी के मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. अगर आपका फोन खो जाता है या चोरी हो जाता है, तो अधिकारी उसके IMEI नंबर को ब्लॉक कर देते हैं. इसके बाद वह डिवाइस पूरे भारत में बेकार हो जाती है, चाहे चोर उसमें कोई भी सिम डाल ले. इससे मोबाइल चोरी की घटनाओं पर काफी हद तक रोक लगाने में मदद मिलती है.

    चक्षु फीचर: साइबर ठगी पर शिकंजा

    संचार साथी में शामिल चक्षु फीचर को सरकार का डिजिटल वॉचडॉग माना जा रहा है. जब भी यूज़र को कोई संदिग्ध मैसेज, नकली ओटीपी, फ्रॉड कॉल या व्हाट्सएप स्कैम मिलता है, वह इस ऐप के ज़रिये तुरंत रिपोर्ट कर सकता है. इसके बाद सिस्टम पैटर्न का विश्लेषण करता है और अधिकारियों को यह समझने में मदद करता है कि आखिर कौन-से नेटवर्क या समूह इस तरह की ठगी की कोशिशें कर रहे हैं.

    क्या यह आपकी कॉल और चैट की निगरानी करेगा?

    सबसे बड़ा सवाल यही रहा कि क्या संचार साथी निजी जीवन में दखल देगा? इस पर सरकार का जवाब स्पष्ट है—यह ऐप किसी भी यूज़र की निजी बातों की निगरानी नहीं करता. यह न कॉल रिकॉर्ड करता है, न चैट पढ़ता है, न फोटो या वीडियो स्कैन करता है. इसका काम केवल टेलीकॉम सुरक्षा और पहचान सत्यापन तक सीमित है. हाँ, यह ऐप अनइंस्टॉल नहीं किया जा सकेगा, क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा और डिजिटल फ्रॉड रोकने की प्रणाली का हिस्सा है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यह आपके फोन में मौजूद किसी निजी जानकारी को पढ़ेगा या ट्रैक करेगा.

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