प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहनावा और उनका नेतृत्व, दोनों ही भारत की बदलती पहचान और आत्मनिर्भरता के प्रतीक बन चुके हैं. जहां एक ओर उनका परिधान उनके विचारों का प्रतीक बनता है, वहीं दूसरी ओर उनके द्वारा लिया गया हर कदम — चाहे वह आर्थिक नीति हो या विदेश नीति — भारत को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान देता है. उनके 11 वर्षों के शासन का यह सफर सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और वैचारिक पुनर्जागरण की भी कहानी है.
2001 से शुरुआत, 2014 में नई उड़ान
2001 में पहली बार नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला. उसके बाद 2014 में भारत के प्रधानमंत्री बनने पर उन्होंने शासन और विकास का एक नया मानक स्थापित किया. यह मानक न केवल भारत के लिए, बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों के लिए भी समावेशी विकास का एक मॉडल बन गया. मोदी ने न केवल लोगों को आकांक्षी बनने के लिए प्रोत्साहित किया, बल्कि उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने हेतु सरकारी संसाधनों की प्राथमिकता तय की ताकि हर भारतीय 'अमृत काल' की विकास गाथा का हिस्सा बन सके.
2014-15: सूट और ग्लोबल अप्रोच
प्रधानमंत्री बनने के बाद 2014-15 में नरेंद्र मोदी अधिकतर सूट, सफारी और आधी बांह वाले खादी कुर्ते में नजर आते थे. यह उनका ग्लोबल अप्रोच था — एक ऐसी छवि जो उन्हें वैश्विक नेता के रूप में पेश करती थी. विदेशी नेताओं के साथ बैठकों में वे अक्सर वेस्टर्न स्टाइल में दिखाई दिए, जिससे उनकी कूटनीतिक गंभीरता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी छवि मजबूत हुई.
2019 के बाद: भारतीय परिधान की वापसी
2019 के बाद पीएम मोदी का पहनावा पूरी तरह देसी हो गया. अब वे फुल स्लीव कुर्ता, जैकेट और त्योहारों में पारंपरिक शॉल के साथ नजर आने लगे. कोरोना महामारी के दौरान उनके बाल और दाढ़ी पूरी तरह सफेद हो गए और उन्होंने उन्हें लंबा भी बढ़ा लिया, जिससे एक अनुभवी और शांत नेता की छवि उभरकर सामने आई. यह बदलाव सिर्फ लुक में नहीं, सोच में भी झलकने लगा — भारत की आत्मनिर्भरता, सांस्कृतिक पुनरुत्थान और सामाजिक न्याय की ओर.
2024-2025: आत्मनिर्भर भारत का लिबास
2024 के बाद, चाहे वह अमेरिका यात्रा हो या G20 समिट, पीएम मोदी का पहनावा भारत की मिट्टी से जुड़ा दिखा. फरवरी 2025 की अमेरिकी यात्रा में उन्होंने कुर्ते के साथ कोट पहन कर भारत की गरिमा को प्रस्तुत किया. उनकी ड्रेस डिप्लोमेसी अब एक सशक्त सांस्कृतिक संदेश बन गई है — “हम भारतीय हैं और हमें इस पर गर्व है.”
भारत की वैश्विक भूमिका और नीति-निर्माण में योगदान
प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व केवल पोशाक तक सीमित नहीं रहा. उनकी नीतियां — ऑपरेशन सिंधु से लेकर विदेश नीति तक — भारत को वैश्विक मंच पर नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित कर चुकी हैं. उन्होंने महिलाओं को सशक्त किया, युवाओं को अवसर दिए, किसानों को सम्मान दिलाया और समाज के वंचित वर्गों की सेवा को प्राथमिकता दी. उनके नेतृत्व में भारत की गाथा एक ऐसे युग में प्रवेश कर चुकी है, जहां हर नागरिक को यह महसूस हो रहा है कि वह ‘भारत की विकास यात्रा’ का हिस्सा है.
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