मीडिल ईस्ट में जंग की आहट! ईरान की चेतावनी से अमेरिका-इजरायल की बढ़ी टेंशन, जानें पूरा मामला

    Middle East War: पश्चिम एशिया में हालात एक बार फिर गंभीर हो गए हैं. ईरान और इजराइल के बीच जारी तनाव अब खुली चेतावनियों में तब्दील हो चुका है. एक ओर जहां ईरान ने अमेरिका और इजराइल को किसी भी हमले का "कई गुना अधिक कठोर" जवाब देने की धमकी दी है.

    War Middle East Iran warning increases tension between America and Israel know the whole matter
    Image Source: ANI/ File/ Social Media

    Middle East War: पश्चिम एशिया में हालात एक बार फिर गंभीर हो गए हैं. ईरान और इजराइल के बीच जारी तनाव अब खुली चेतावनियों में तब्दील हो चुका है. एक ओर जहां ईरान ने अमेरिका और इजराइल को किसी भी हमले का "कई गुना अधिक कठोर" जवाब देने की धमकी दी है, वहीं दूसरी ओर इजराइल ने भी दो टूक कह दिया है कि अगर जरूरत पड़ी तो वह फिर से ईरान पर हमला करेगा.

    ईरान की इस सख्त चेतावनी का मौका था, इराक से ईरानी युद्धबंदियों की रिहाई की सालगिरह. इस मौके पर इस्लामिक रिपब्लिक आर्म्ड फोर्स के चीफ, अब्दुलरहीम मौसवी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि अमेरिका या इजराइल ने कोई भी "ग़लत क़दम" उठाया, तो इस बार जवाब पहले से कहीं ज़्यादा विनाशकारी होगा. उन्होंने अमेरिका और इजराइल को "दुर्भावनापूर्ण और क्रूर" बताया और उन्हें ईरान के खिलाफ किसी भी शत्रुतापूर्ण कदम से दूर रहने की चेतावनी दी.

    इजराइल ने भी दिखाया तेवर

    दूसरी ओर, इजराइल की सेना ने भी अपने तेवर दिखा दिए हैं. इजराइली चीफ ऑफ स्टाफ, लेफ्टिनेंट जनरल इयाल जमीर ने बयान जारी करते हुए कहा कि सेना हर तरह से तैयार है और अगर ईरान से खतरा महसूस हुआ तो दोबारा हमला करने में बिल्कुल देर नहीं की जाएगी. उन्होंने जून में हुए हमले को एक "सटीक और सफल सैन्य कार्रवाई" बताया, जिसमें इजराइल ने ईरानी न्यूक्लियर फैसिलिटीज पर सीधा हमला बोला था.

    कैसे भड़की थी जंग?

    13 जून को इजराइल ने ईरान के टॉप मिलिट्री कमांडर्स, परमाणु वैज्ञानिकों और राजनेताओं को निशाना बनाते हुए ज़मीनी और हवाई हमले किए थे. इस दौरान नतांज, फोर्डो और इस्फहान स्थित परमाणु ठिकानों को भी भारी नुकसान पहुंचाया गया. जवाब में ईरान ने भी इजराइली शहरों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए.

    इस संघर्ष ने 9 दिनों तक पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया. अमेरिका को आखिरकार हस्तक्षेप करना पड़ा और ईरान के तीन प्रमुख न्यूक्लियर ठिकानों पर बमबारी के बाद सीजफायर की स्थिति बनी. हालांकि युद्धविराम से पहले ही ईरान ने कतर में स्थित अमेरिकी सैन्य बेस पर भी हमला कर दिया था.

    जान-माल का भारी नुकसान

    इस संघर्ष में ईरान को सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा. 600 से ज्यादा लोगों की मौत हुई और 5,000 से अधिक घायल हुए. वहीं इजराइल में 28 लोगों की जान गई और 3,000 से अधिक घायल हुए. ईरानी हमलों में इजराइल के बड़े शहरों जैसे तेल अवीव, बीर्शेबा और हाइफा में तबाही मची, जबकि मोसाद का हेडक्वार्टर भी हमलों की चपेट में आया.

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