लंदन: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने टेनिस खिलाड़ियों की मानसिक और शारीरिक ताकत की खुलकर तारीफ की है. विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट देखने लंदन पहुंचे कोहली ने कहा कि टेनिस खिलाड़ी जिस निरंतरता और दबाव के साथ खेलते हैं, वो किसी भी वर्ल्ड कप नॉकआउट मैच जैसा महसूस होता है.
अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ विंबलडन पहुंचे कोहली ने यह बात पूर्व टेनिस दिग्गज विजय अमृतराज से बातचीत के दौरान कही.
"हर हफ्ते का मैच जैसे वर्ल्ड कप का फाइनल हो"
कोहली ने कहा, "जब हम वर्ल्ड कप में पाकिस्तान से या किसी सेमीफाइनल-फाइनल मुकाबले में खेलते हैं, तो टेंशन इतना होता है कि पैर कांपते हैं. लेकिन टेनिस खिलाड़ी हर हफ्ते उसी तरह के दबाव में खेलते हैं. ये लाजवाब है."
उन्होंने कहा कि मानसिक रूप से टेनिस खिलाड़ियों की मजबूती वाकई काबिल-ए-तारीफ है.
क्रिकेट और टेनिस के दबाव में क्या अंतर है?
कोहली ने क्रिकेट और टेनिस दोनों खेलों की तुलना करते हुए कहा कि क्रिकेट में एक गलती पूरे मैच से बाहर कर देती है, जबकि टेनिस में वापसी का मौका होता है.
कोहली ने कहा, "क्रिकेट में कभी-कभी आप 3-4 घंटे बस इंतजार करते हैं कि बल्लेबाजी कब आएगी. और जब आती है तो एक गलती से मैच खत्म हो जाता है. वहीं टेनिस में खिलाड़ी अगर दो सेट भी हार जाए, तो भी वापसी की गुंजाइश रहती है. ये बहुत बड़ा फर्क है."
"सेंटर कोर्ट में दबाव कहीं ज्यादा लगता है"
कोहली ने कहा कि विंबलडन के सेंटर कोर्ट का माहौल उन्हें क्रिकेट स्टेडियम से ज्यादा चुनौतीपूर्ण लगा.
उन्होंने कहा, "क्रिकेट में दर्शक दूर बैठते हैं, हम एक तरह से अपनी दुनिया में होते हैं. लेकिन टेनिस कोर्ट पर दर्शक बहुत पास होते हैं, उनकी हर प्रतिक्रिया सामने होती है. इससे दबाव और भी बढ़ जाता है."
जोकोविच 25वां ग्रैंड स्लैम हासिल करें- कोहली
कोहली ने नोवाक जोकोविच के साथ अपनी दोस्ती का भी ज़िक्र किया. उन्होंने कहा, "मैं जोकोविच के संपर्क में रहता हूं. मैं चाहता हूं कि वो इस बार विंबलडन जीतें और 25वां ग्रैंड स्लैम हासिल करें."
उन्होंने जोकोविच को "GOAT – Greatest of All Time" बहस में सबसे ऊपर बताया और कहा कि उनका सपना है कि इस बार फाइनल जोकोविच और अल्काराज के बीच हो और नोवाक ट्रॉफी उठाएं.
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