विजय दिवस पर जस्टिस सूर्यकांत ने जवानों को दी बड़ी सौगात, NALSA का किया ऐलान, जानें इसके फायदे

    NALSA Scheme For Army: देश आज गर्व और श्रद्धा के साथ 26वां कारगिल विजय दिवस मना रहा है. उन जांबाज़ सैनिकों की याद में पूरा भारत नतमस्तक है, जिन्होंने 1999 के युद्ध में अपनी वीरता से दुश्मन के मंसूबों को ध्वस्त कर दिया था.

    Vijay Diwas Justice Suryakant announced NALSA know details
    Image Source: ANI/ File

    NALSA Scheme For Army: देश आज गर्व और श्रद्धा के साथ 26वां कारगिल विजय दिवस मना रहा है. उन जांबाज़ सैनिकों की याद में पूरा भारत नतमस्तक है, जिन्होंने 1999 के युद्ध में अपनी वीरता से दुश्मन के मंसूबों को ध्वस्त कर दिया था. इसी पावन अवसर पर एक नई और ऐतिहासिक पहल की गई है, जिससे हमारे देश के वीर जवानों और उनके परिवारों को कानूनी सुरक्षा की नई ढाल मिल गई है. पहली बार भारतीय इतिहास में सेना से जुड़े परिवारों के लिए ‘NALSA वीर परिवार सहायता योजना 2025’ की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य सिर्फ कागज़ों में नहीं, बल्कि वास्तविक जीवन में जवानों की चिंता को कम करना है.

    इस योजना की घोषणा नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी (NALSA) के अध्यक्ष और भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत ने श्रीनगर में की. लॉन्च समारोह में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला जैसे कई गणमान्य लोग मौजूद रहे. कार्यक्रम का माहौल गौरवपूर्ण था और इस ऐतिहासिक पहल के लिए जस्टिस सूर्यकांत को भरपूर सराहना भी मिली.

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के समय आया विचार 

    यह विचार जस्टिस सूर्यकांत को उस वक्त आया, जब उन्होंने हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान सैनिकों के बलिदान को नज़दीक से महसूस किया. सीमा पर तैनात जवानों के लिए यह योजना एक राहत की तरह है, क्योंकि इससे उन्हें और उनके परिवारों को कोर्ट-कचहरी के चक्करों से काफी हद तक निजात मिलेगी.

    ‘NALSA वीर परिवार सहायता योजना 2025’ 

    ‘NALSA वीर परिवार सहायता योजना 2025’ का मूल उद्देश्य जवानों और उनके परिजनों को कानूनी मामलों में मदद पहुंचाना है, खासकर संपत्ति विवाद, पारिवारिक मसले, ज़मीन-जायदाद से जुड़े मामलों में. इस योजना के ज़रिए अब जवानों को हर तारीख़ पर कोर्ट में पेशी की चिंता नहीं करनी होगी और उनकी अनुपस्थिति में भी उनके केसों को पूरी कानूनी गंभीरता के साथ संभाला जाएगा.

    सिर्फ भारतीय सेना तक सीमित नहीं

    इस योजना का लाभ सिर्फ भारतीय सेना तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी सहित देश के तमाम अर्धसैनिक बलों के जवान और उनके परिवार भी शामिल होंगे. यह एक समावेशी और दूरदर्शी कदम है, जो हमारे सैनिकों को न केवल सैन्य मोर्चे पर बल्कि सामाजिक और पारिवारिक मोर्चे पर भी सुरक्षित करेगा.

    यह पहल केवल एक योजना नहीं, बल्कि उन कंधों का बोझ हल्का करने की कोशिश है, जो हर पल हमारी सुरक्षा के लिए तैनात रहते हैं. कारगिल विजय दिवस पर यह उपहार एक भावनात्मक और संवेदनशील पहल बन गई है, जो हर भारतीय को यह यकीन दिलाती है कि हमारे सच्चे नायकों की देखभाल अब कानून भी करेगा.

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