काराकस: दक्षिण अमेरिका का वेनेजुएला तेल के मामले में एक विरोधाभास है. यहां दुनिया का सबसे विशाल तेल भंडार होने के बावजूद देश आर्थिक मोर्चे पर जूझ रहा है. हाल ही में अमेरिका ने दक्षिण अमेरिकी ड्रग कार्टेल्स के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू किया है, जिसमें 2 सितंबर 2025 को वेनेजुएला के एक नाव पर मिसाइल हमला किया गया, जिसमें 11 नागरिक मारे गए. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि यह नाव ड्रग्स से लदी थी, लेकिन इस घटना ने दोनों देशों के बीच तनाव को नई ऊंचाई दे दी है. अमेरिकी युद्धपोत और गश्ती विमान वेनेजुएला की जलसीमा के आसपास सक्रिय हैं, जो तेल, राजनीति और सुरक्षा विवादों से जूझ रहे इस देश के लिए नया खतरा बन गया है. आइए, जानते हैं कि वेनेजुएला के पास कितना तेल है, क्यों यह कम कीमत पर बिकता है और उत्पादन में क्यों पिछड़ रहा है.
अमेरिका-वेनेजुएला तनाव
अमेरिका ने वेनेजुएला को ड्रग तस्करी का केंद्र बताते हुए सैन्य अभियान तेज कर दिया है. ट्रंप प्रशासन ने ट्रेन डे अरागुआ जैसे कार्टेल्स को आतंकी संगठन घोषित किया है और मादुरो सरकार पर ड्रग्स को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. 2 सितंबर का हमला इस अभियान का पहला बड़ा कदम था, जहां अमेरिकी नौसेना ने कथित ड्रग लदी नाव को नष्ट कर दिया. वेनेजुएला ने इसे 'अवैध हमला' बताया है, जबकि अमेरिका इसे आत्मरक्षा का हिस्सा मानता है. यह तनाव तेल भंडारों को लेकर पुराने विवादों से जुड़ा है, जहां अमेरिका ने प्रतिबंधों से वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाई है.
वेनेजुएला के पास दुनिया का सबसे बड़ा तेल भंडार
अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, वेनेजुएला के पास प्रमाणित तेल भंडार दुनिया में सबसे अधिक हैं. 2023 तक अनुमानित 303 बिलियन बैरल (बीबीएल) तेल भंडार के साथ यह सऊदी अरब (267.2 बीबीएल) को पीछे छोड़ता है. तीसरे स्थान पर ईरान (208.6 बीबीएल) और चौथे पर कनाडा (163.6 बीबीएल) है. इन चार देशों का वैश्विक तेल भंडार में आधे से ज्यादा हिस्सा है. हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि 2025 में वेनेजुएला के भंडार में 30% की वृद्धि हुई है, जो इसे और मजबूत बनाता है. लेकिन इतना भंडार होने के बावजूद, देश तेल निर्यात से अपेक्षित आय नहीं कमा पाता.
अमेरिका से पांच गुना ज्यादा तेल, फिर भी गरीबी की मार
तुलना करें तो अमेरिका के पास करीब 55 बिलियन बैरल तेल है, जो वेनेजुएला के भंडार से पांच गुना कम है. अमेरिका दुनिया के तेल भंडार सूची में नौवें स्थान पर है. लेकिन वेनेजुएला दुनिया के सबसे गरीब देशों में गिना जाता है. यह अमेरिका की तेल आय का पांचवां हिस्सा भी नहीं कमा पाता. कारण? भारी तेल (हैवी क्रूड) का दोहन मुश्किल और महंगा है, साथ ही अमेरिकी प्रतिबंधों ने निर्यात को प्रभावित किया है. 2025 में उत्पादन 892,000 बैरल प्रति दिन तक पहुंचा, लेकिन यह क्षमता का पूरा उपयोग नहीं है.
ओरिनोको बेल्ट का तेल
वेनेजुएला का अधिकांश तेल ओरिनोको बेल्ट में है, जो 55,000 वर्ग किलोमीटर में फैला एक विशाल क्षेत्र है. यहां का तेल भारी कच्चा तेल है – चिपचिपा, घना और सल्फर युक्त. इसे निकालना पारंपरिक तेल से कठिन और महंगा है, क्योंकि उन्नत तकनीक जैसे स्टीम इंजेक्शन या हल्के तेल से मिश्रण की जरूरत पड़ती है. इसकी वजह से यह तेल बाजार में सस्ता बिकता है. अमेरिकी प्रतिबंधों ने भी कीमतों को दबाया है, क्योंकि निर्यात बाजार सीमित हो गए हैं.
उत्पादन में पिछड़ना: PDVSA की मुश्किलें और प्रतिबंधों का बोझ
वेनेजुएला का तेल उत्पादन सरकारी कंपनी PDVSA पर निर्भर है, जो ओरिनोको बेल्ट का अधिकांश प्रबंधन करती है. लेकिन पुरानी बुनियादी ढांचा, कम निवेश, कुप्रबंधन और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों ने इसे परेशान कर रखा है. 2025 में उत्पादन 892,000 बैरल प्रति दिन रहा, जो 2000 के दशक के 3 मिलियन से बहुत कम है. प्रतिबंधों ने विदेशी निवेश रोका, और कंपनी तकनीकी विशेषज्ञता खो चुकी है. सरकार 1.5 मिलियन बैरल प्रति दिन का लक्ष्य रख रही है, लेकिन बिना सुधार के यह मुश्किल है.
निर्यात की हकीकत: सिर्फ 4 बिलियन डॉलर की कमाई
OEC के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में वेनेजुएला ने सिर्फ 4.05 बिलियन डॉलर मूल्य का कच्चा तेल निर्यात किया. यह सऊदी अरब (181 बिलियन), अमेरिका (125 बिलियन) और रूस (122 बिलियन) से बहुत कम है. गैसोलीन और डीजल जैसे उत्पादों का निर्यात भी सीमित है. मुख्य बाजार चीन, भारत और तुर्की हैं, लेकिन प्रतिबंधों ने यूरोप और अमेरिका को प्रभावित किया. 2025 में निर्यात 900,000 बैरल प्रति दिन तक पहुंचा, लेकिन राजस्व अभी भी कम है.
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