Uttrakhand Chaar Dhaam Yatra 2025: भारतीय सनातन परंपरा में आस्था, भक्ति और आत्मिक शांति की सबसे महान यात्राओं में से एक चारधाम यात्रा आज से आरंभ हो चुकी है. अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर उत्तराखंड के चार पवित्र धामों में से पहला —यमुनोत्री — आज श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया. इसके साथ ही देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु देवभूमि की ओर प्रस्थान कर चुके हैं.
चारधाम यात्रा को छोटा चारधाम भी कहा जाता है, जो चार पवित्र स्थलों — यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ — की तीर्थ यात्रा है. यह परंपरा आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा शुरू की गई मानी जाती है और करीब 1200 वर्षों से हिंदू श्रद्धालुओं के लिए मोक्ष और आध्यात्मिक शुद्धिकरण का प्रतीक रही है.
चारधाम यात्रा का धार्मिक महत्व
चारधाम न केवल तीर्थ यात्रा है, बल्कि यह जीवन की पवित्रता और परमात्मा से जुड़ने की अनुभूति भी है.
यमुनोत्री: यमुना नदी का उद्गम स्थल
गंगोत्री: माँ गंगा की उत्पत्ति का स्थल
केदारनाथ: भगवान शिव का प्रमुख ज्योतिर्लिंग और तपस्थली
बद्रीनाथ: भगवान विष्णु का दिव्य धाम, जिसे 'अष्टम बैकुंठ' कहा जाता है. कहा जाता है कि इन चार धामों की यात्रा से सभी पापों का नाश होता है, और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
चारधाम यात्रा 2025: कपाट खुलने की तिथियां
धाम कपाट खुलने की तिथि दिन
गंगोत्री 30 अप्रैल 2025 बुधवार (सुबह 10:30 बजे)
यमुनोत्री 30 अप्रैल 2025 बुधवार (दोपहर 11:55 बजे)
केदारनाथ 2 मई 2025 शुक्रवार
बद्रीनाथ 4 मई 2025 रविवार
नोट: चारधाम यात्रा की शुरुआत हर वर्ष अक्षय तृतीया से होती है, जिसे 'स्वयंसिद्ध मुहूर्त' माना जाता है.
चारधाम: कहां स्थित हैं ये पवित्र स्थल?
यमुनोत्री धाम – उत्तरकाशी ज़िले के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित, यह स्थल यमुना नदी के उद्गम स्थल के रूप में पूजनीय है.
गंगोत्री धाम – उत्तरकाशी ज़िले में ही स्थित यह धाम गंगा मैया के उद्गम स्थल से जुड़ा हुआ है और हिमालय की गोद में बसा है.
केदारनाथ धाम – रुद्रप्रयाग ज़िले में स्थित, यह भगवान शिव का प्रमुख तीर्थ स्थल है. यहां पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को गौरीकुंड से 16 किमी की ट्रेकिंग करनी होती है.
बद्रीनाथ धाम – चमोली ज़िले में स्थित यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और यह यात्रा का अंतिम और सबसे पवित्र पड़ाव माना जाता है.
इस बार की यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है, इसलिए उत्तराखंड सरकार ने सुरक्षा और सुविधा के लिए व्यापक तैयारियां की हैं. पंजीकरण की प्रक्रिया, हेल्थ चेकअप, और मौसम संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए श्रद्धालु इस यात्रा का हिस्सा बन सकते हैं.
यह भी पढ़ें: 30 अप्रैल से शुरू होने जा रही है चारधाम यात्रा, आज से ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की शुरुआत