योगी सरकार का बड़ा फैसला, सभी 75 जिलों में शुरू होगी ये योजना, जानिए किसे मिलेगा लाभ

    उत्तर प्रदेश में कुपोषण के खिलाफ जंग अब और तेज़ हो गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गरीब और वंचित तबके के बच्चों को कुपोषण की चपेट से बाहर निकालने के लिए एक मजबूत पहल करते हुए ‘मुख्यमंत्री सुपोषण योजना’ को जल्द लागू करने के निर्देश दिए हैं.

    Uttar Pradesh government is going to start a scheme for the nutrition of children in all 75 districts
    File Image Source ANI

    उत्तर प्रदेश में कुपोषण के खिलाफ जंग अब और तेज़ हो गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गरीब और वंचित तबके के बच्चों को कुपोषण की चपेट से बाहर निकालने के लिए एक मजबूत पहल करते हुए ‘मुख्यमंत्री सुपोषण योजना’ को जल्द लागू करने के निर्देश दिए हैं.

    क्या है इस योजना का उद्देश्य?

    इस योजना का मुख्य उद्देश्य है. बच्चों को सिर्फ भरपेट भोजन नहीं, बल्कि पौष्टिक और संतुलित आहार देना है, ताकि उनकी वृद्धि और विकास में कोई रुकावट न आए. 3 से 6 वर्ष के बच्चों को अब हर सुबह पौष्टिक नाश्ता मिलेगा, जिससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास बेहतर हो सके. 

    सभी जिलों में स्थापित होंगी THR यूनिटें

    योजना का लाभ डॉ. भीमराव अंबेडकर जीरो पॉवर्टी मिशन के तहत चिन्हित गरीब परिवारों, आकांक्षात्मक जिलों और पिछड़े विकासखंडों के बच्चों को मिलेगा. मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में "टेक होम राशन" (THR) की यूनिटें स्थापित की जाएंगी, ताकि हर जरूरतमंद तक सही पोषण समय पर पहुंचे.

    गर्भवती महिलाओं तक भी पहुंचाया जाएगा राशन

    वर्तमान में जहां 43 जिलों में 204 THR यूनिटें काम कर रही हैं. वहीं अब यह संख्या पूरे प्रदेश में फैलाई जाएगी. आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से यह राशन न केवल बच्चों, बल्कि गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं तक भी पहुंचाया जाएगा. इस योजना में स्थानीयता को भी प्राथमिकता दी गई है. प्रतापगढ़ का आंवला, गुड़, और श्रीअन्न (मिलेट्स) जैसे पारंपरिक और पौष्टिक खाद्य पदार्थों को THR में शामिल किया जाएगा. इससे ना केवल पोषण स्तर सुधरेगा, बल्कि स्थानीय किसानों और उत्पादकों को भी आर्थिक लाभ होगा.

    कुपोषण के गंभीर पहलुओं जैसे बौनापन (Stunting), कम वजन (Underweight), और कमज़ोर शरीर (Wasting) पर निरंतर नज़र रखने के लिए निगरानी व्यवस्था भी बनाई जा रही है. स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग और स्थानीय प्रशासन की समन्वयित भूमिका मुख्यमंत्री सुपोषण योजना को गति देने में अहम होगी.

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