10 लाख फिलिस्तीनियों पर चलेगा ट्रंप का एक्शन, जानिए क्या है सीक्रेट प्लान?

    गाज़ा पट्टी में जारी युद्ध और मानवीय संकट के बीच, एक नई और विवादास्पद रिपोर्ट ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी है. एनबीसी न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाला अमेरिकी प्रशासन गाज़ा से लगभग 10 लाख फिलिस्तीनियों को लीबिया में स्थायी रूप से बसाने की योजना पर काम कर रहा है.

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    Image Source: ANI

    गाज़ा पट्टी में जारी युद्ध और मानवीय संकट के बीच, एक नई और विवादास्पद रिपोर्ट ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी है. एनबीसी न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाला अमेरिकी प्रशासन गाज़ा से लगभग 10 लाख फिलिस्तीनियों को लीबिया में स्थायी रूप से बसाने की योजना पर काम कर रहा है. इस रिपोर्ट में पांच ऐसे सूत्रों का हवाला दिया गया है जो इन चर्चाओं से सीधे तौर पर जुड़े हैं.

    अमेरिका-लीबिया के बीच चल रही हैं बातचीत

    रिपोर्ट के अनुसार, दो प्रत्यक्ष जानकार और एक पूर्व अमेरिकी अधिकारी ने इस योजना की पुष्टि करते हुए बताया कि यह कोई कल्पना नहीं, बल्कि एक गंभीर चर्चा का विषय है. बताया जा रहा है कि इस प्रस्ताव के तहत अमेरिका लीबिया को अरबों डॉलर की वह सहायता राशि फिर से जारी करेगा, जिसे वर्षों पहले रोक दिया गया था.

    हालांकि, इस योजना को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है और इज़राइल को भी इन वार्ताओं की जानकारी दी गई है. लेकिन अमेरिकी सरकार के प्रवक्ता ने इस खबर को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि ऐसी कोई योजना न तो बनाई गई है और न ही विचाराधीन है. प्रवक्ता ने स्पष्ट कहा, "यह रिपोर्ट झूठी है. ज़मीन पर हालात किसी भी पुनर्वास योजना के लिए उपयुक्त नहीं हैं."

    लीबिया की राजनीतिक अस्थिरता और अमेरिका की रणनीति पर सवाल

    गौरतलब है कि 2011 में नाटो समर्थित विद्रोह के बाद लीबिया गहरे राजनीतिक और सामाजिक संकट में डूब गया था. तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी की हत्या के बाद से देश पूर्व और पश्चिम के दो खेमों में बंट गया है, जहां मिलिशिया गुटों का बोलबाला है. ऐसे अस्थिर देश में फिलिस्तीनियों को बसाने की योजना को मानवाधिकार कार्यकर्ता और राजनयिक गंभीर चिंता के रूप में देख रहे हैं.

    इज़राइल के हवाई हमले और ट्रंप की क्षेत्रीय रणनीति

    वहीं दूसरी ओर, गाज़ा में इज़राइली हमले लगातार तेज़ हो रहे हैं. हाल ही में हुए हवाई हमलों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. इज़राइली सरकार ने इन हमलों को हमास पर दबाव बनाने की रणनीति बताया है ताकि बंधकों को रिहा कराया जा सके. इज़राइल ने यमन के दो बंदरगाहों पर भी हमला किया है, जिनके बारे में दावा किया गया कि उन्हें हूथी विद्रोही हथियारों के परिवहन के लिए इस्तेमाल कर रहे थे.

    ट्रंप की योजना: 'गाज़ा को साफ करना है'

    इस साल की शुरुआत में ट्रंप ने सुझाव दिया था कि जॉर्डन, मिस्र और अन्य अरब देशों को अधिक फिलिस्तीनी शरणार्थियों को स्वीकार करना चाहिए, ताकि गाज़ा पट्टी से बड़ी संख्या में आबादी को निकाला जा सके और वहां का इलाका "पूरी तरह से साफ" किया जा सके. उन्होंने कहा था, “मैं कुछ अरब देशों के साथ मिलकर एक नई बसावट की दिशा में काम करना चाहूंगा जहां ये लोग शांति से रह सकें.”

    हमास का बयान: ‘बंधकों के बदले कैदियों की रिहाई को तैयार’

    वर्तमान संघर्ष के बीच, हमास ने इज़राइल के साथ अप्रत्यक्ष वार्ता के लिए तत्परता जताई है. गाज़ा में हमास के वरिष्ठ नेता खलील अल-हय्या ने कहा कि समूह इज़राइली जेलों में बंद फिलिस्तीनियों की एक सूची के बदले सभी बंधकों को रिहा करने को तैयार है. हालांकि, उन्होंने किसी अंतरिम युद्धविराम समझौते को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है.

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