ताजा रैंकिंग में अमेरिकी पासपोर्ट की गिरी साख, दुनिया के टॉप 10 से बाहर; एशियाई देशों ने मारी बाज़ी

    US Passport Ranking: एक समय दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट के तौर पर पहचाना जाने वाला अमेरिकी पासपोर्ट अब अपने पुराने रुतबे को खोता जा रहा है. Henley Passport Index की नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका का पासपोर्ट अब टॉप 10 की सूची से बाहर हो गया है और 12वें स्थान पर आ गया है.

    US passport has fallen in the latest rankings world's top 10 Asian countries have taken the lead
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ FreePik

    US Passport Ranking: एक समय दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट के तौर पर पहचाना जाने वाला अमेरिकी पासपोर्ट अब अपने पुराने रुतबे को खोता जा रहा है. Henley Passport Index की नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका का पासपोर्ट अब टॉप 10 की सूची से बाहर हो गया है और 12वें स्थान पर आ गया है. यह अमेरिका के वैश्विक प्रभाव, विशेष रूप से सॉफ्ट पावर और विदेश नीति, पर एक महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है.

    Henley Passport Index 2025 के अनुसार, अमेरिकी पासपोर्ट अब केवल 180 देशों में वीजा-फ्री या वीजा-ऑन-अराइवल सुविधा देता है. यह पहली बार है जब पिछले दो दशकों में अमेरिका टॉप 10 पासपोर्ट्स की सूची से बाहर हुआ है. अमेरिका अब 12वें स्थान पर है और इस स्थान पर मलेशिया के साथ टाई किया है.

    क्या है Henley Passport Index?

    Henley Passport Index एक वैश्विक रैंकिंग है जो देशों के पासपोर्ट्स को इस आधार पर रैंक करती है कि वे कितने देशों में वीजा-फ्री या वीजा-ऑन-अराइवल सुविधा प्रदान करते हैं. यह डेटा इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के आधार पर तैयार किया जाता है.

    एशिया-पैसिफिक की ताकत बढ़ी

    इस साल एशियाई देशों ने पासपोर्ट पावर की दौड़ में बाज़ी मार ली है. सिंगापुर इस समय दुनिया का सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट है, जिसकी मदद से नागरिक 193 देशों में बिना वीजा यात्रा कर सकते हैं. दक्षिण कोरिया दूसरे स्थान पर है, जिसके पासपोर्ट धारक 190 देशों में वीजा-मुक्त यात्रा कर सकते हैं. जापान भी पीछे नहीं है और तीसरे स्थान पर 189 देशों में पहुंच बना रहा है. इनके अलावा जर्मनी, इटली और स्पेन जैसे यूरोपीय देश भी टॉप 5 में अपनी स्थिति बनाए हुए हैं.

    अमेरिकी पासपोर्ट की रैंकिंग क्यों गिरी?

    1. विदेश नीति में बदलाव और वीजा रेसिप्रॉसिटी की कमी

    अमेरिका की विदेश नीति और वीजा प्रतिबंधों के कारण कई देशों ने रेसिप्रोकल (पारस्परिक) व्यवहार अपनाते हुए अमेरिकी नागरिकों के लिए वीजा की शर्तें सख्त कर दी हैं. ब्राजील ने हाल ही में अमेरिकी नागरिकों के लिए वीजा-फ्री एंट्री खत्म कर दी क्योंकि अमेरिका ने ब्राजील के लिए वैसी ही छूट नहीं दी. चीन और वियतनाम ने भी अपनी नई वीजा-फ्री लिस्ट में अमेरिका को शामिल नहीं किया है. पापुआ न्यू गिनी, म्यांमार और सोमालिया जैसे देशों ने नई ई-वीजा प्रणालियों को लागू किया, जिससे अमेरिकी पासपोर्ट धारकों की वहां पहुंच और भी सीमित हो गई.

    2. खुद अमेरिका की ‘ओपननेस’ में कमी

    Henley Openness Index, जो यह दर्शाता है कि एक देश कितने अन्य देशों के नागरिकों को वीजा-फ्री एंट्री देता है, उसमें अमेरिका सिर्फ 46 देशों को यह सुविधा देता है. अमेरिका का ओपननेस रैंकिंग 77वां है. इसके विपरीत, कई देश अपने दरवाज़े अब अमेरिकी यात्रियों के लिए उतने खुले नहीं रख रहे हैं.

    इसका सीधा मतलब है, जितना अमेरिका अन्य देशों के नागरिकों के लिए सीमाएं बंद करता जा रहा है, उतना ही बाकी देश भी अमेरिकी यात्रियों पर पाबंदियां लगा रहे हैं. यह अमेरिका के लिए दुनिया में दूसरे सबसे बड़े "रीसिप्रोकल गैप" (पारस्परिक असंतुलन) का उदाहरण है, जो केवल ऑस्ट्रेलिया के बाद आता है.

    चीन की तेज़ी से बढ़ती पासपोर्ट ताकत

    पिछले 10 वर्षों में चीन ने पासपोर्ट पावर के मामले में उल्लेखनीय प्रगति की है. 2015 में 94वें स्थान पर रहने वाला चीन अब 2025 में 64वें स्थान पर पहुंच गया है. इस दौरान चीन ने 37 नए देशों में वीजा-फ्री एंट्री हासिल की है. चीन अब 76 देशों को वीजा-मुक्त प्रवेश की अनुमति देता है, जो अमेरिका से 30 देश ज्यादा हैं.

    हाल ही में, चीन ने रूस को भी इस सूची में जोड़ा है, जो दर्शाता है कि बीजिंग अपनी ट्रैवल डिप्लोमेसी को रणनीतिक रूप से मजबूत कर रहा है, जबकि वॉशिंगटन इस मामले में पीछे छूटता नजर आ रहा है.

    अमेरिकियों में वैकल्पिक नागरिकता का बढ़ता चलन

    अमेरिकी पासपोर्ट की घटती ताकत का असर अब नागरिकों के फैसलों में भी झलकने लगा है. Henley & Partners के अनुसार, 2025 की तीसरी तिमाही तक अमेरिका के नागरिकों ने 'इन्वेस्टमेंट माइग्रेशन प्रोग्राम्स' में रिकॉर्ड तोड़ भागीदारी की.

    इन प्रोग्राम्स के तहत, लोग निवेश के बदले दूसरे देश की नागरिकता या स्थायी रेजिडेंसी प्राप्त करते हैं. 2024 की तुलना में 2025 में 67% अधिक अमेरिकी आवेदन इन कार्यक्रमों के लिए किए गए हैं. यह ट्रेंड साफ संकेत देता है कि अब कई अमेरिकी नागरिक वैकल्पिक नागरिकता लेकर अपनी अंतरराष्ट्रीय यात्रा की स्वतंत्रता को फिर से पाना चाहते हैं.

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