रूद्र, भैरव करेगी पाकिस्तान-चीन की हवा टाईट! इस ऐलान से थरथराए शहबाज- ड्रैगन की सिट्टी बिट्टी गुल

    Army cheif Upendra Dwivedi: करगिल विजय दिवस सिर्फ एक गौरवशाली इतिहास की याद नहीं है, बल्कि यह भारतीय सेना के भविष्य की ओर उठाए गए नए कदम का प्रतीक भी बन चुका है.

    Upendra Dwivedi anoounce Rudra Bigrade and Bhairav Light Commando know details
    Image Source: ANI/ File

    Army cheif Upendra Dwivedi: करगिल विजय दिवस सिर्फ एक गौरवशाली इतिहास की याद नहीं है, बल्कि यह भारतीय सेना के भविष्य की ओर उठाए गए नए कदम का प्रतीक भी बन चुका है. इस वर्ष इस अवसर पर सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि दी, बल्कि सेना की रणनीतिक सोच में आए ऐतिहासिक बदलाव की भी घोषणा की. भारत की रक्षा प्रणाली अब सिर्फ पारंपरिक सैन्य ढांचे पर नहीं टिकेगी, बल्कि आधुनिक तकनीक, तेज़ कार्रवाई, और बहुआयामी तैयारी के साथ देश को अगली पीढ़ी के युद्धों के लिए तैयार किया जा रहा है.

    इसी रणनीति के तहत दो नई सैन्य इकाइयों रूद्र ब्रिगेड और भैरव लाइट कमांडो बटालियन का गठन किया गया है. ये इकाइयाँ न केवल सेना की पारंपरिक ताकत को नए सांचे में ढालती हैं, बल्कि टेक्नोलॉजी, स्वदेशी हथियारों और विशेष ऑपरेशनल ट्रेनिंग के ज़रिए एक नई सैन्य भाषा गढ़ती हैं.

    रूद्र ब्रिगेड क्या है?

    रूद्र ब्रिगेड को "एकीकृत युद्धक शक्ति" के तौर पर देखा जा रहा है, जिसमें पैदल सेना, टैंक, तोपखाने, ड्रोन यूनिट्स, और स्पेशल फोर्सेज, सभी एक ही कमान के तहत कार्यरत हैं. इसका मतलब यह है कि युद्ध के मैदान में अलग-अलग यूनिट्स को अलग से आदेश मिलने की आवश्यकता नहीं होगी. रूद्र ब्रिगेड अपने आप में एक पूर्ण युद्ध मशीन होगी, जो सीमाओं पर तैनात रहेगी और किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई कर सकेगी. खास बात यह है कि अब हर इन्फैंट्री बटालियन के पास अपना ड्रोन प्लाटून होगा, जो दुश्मन की गतिविधियों पर रियल टाइम नज़र रखेगा और लक्ष्य पर सटीक हमला कर सकेगा.

    भैरव लाइट कमांडो बटालियन क्या है?

    दूसरी ओर, भैरव लाइट कमांडो बटालियन एक तेज़, लचीली और गुप्त ऑपरेशनों के लिए तैयार की गई यूनिट है. ये कमांडो पारंपरिक युद्धों से अधिक दुर्गम और संवेदनशील इलाकों में दुश्मन पर अचानक हमला करने में माहिर हैं. हल्के लेकिन अत्यधिक घातक हथियारों और अत्याधुनिक उपकरणों से लैस ये यूनिट्स, खासतौर पर पहाड़ों, जंगलों और सीमाई इलाकों में रात या खराब मौसम में भी मिशन को अंजाम देने में सक्षम हैं. MP5 सबमशीन गन, ड्रोन बम, और उच्च तकनीकी संचार प्रणाली इन्हें दुश्मन के लिए एक अज्ञात खतरा बनाती है.

    दिव्यास्त्र बैटरियां नई पीढ़ी की आर्टिलरी यूनिट्स

    जनरल द्विवेदी ने इस सैन्य सुधार को और मजबूती देते हुए यह भी बताया कि सेना की आर्टिलरी अब 'दिव्यास्त्र बैटरियों' और 'लॉइटर म्यूनिशन यूनिट्स' से लैस होगी. दिव्यास्त्र बैटरियां नई पीढ़ी की आर्टिलरी यूनिट्स हैं, जो लंबी दूरी तक बेहद सटीक और विध्वंसक हमला करने में सक्षम हैं. वहीं लॉइटर म्यूनिशन ऐसे ड्रोन हथियार हैं, जो दुश्मन की सीमा में घुसकर वहाँ मंडराते रहते हैं और मौके पर लक्ष्य पर हमला करते हैं, एक उड़ते बम की तरह.

    नई सोच के साथ आगे बढ़ रही सेना

    इन सैन्य नवाचारों से साफ है कि भारतीय सेना अब एक नई सोच के साथ आगे बढ़ रही है, एक ऐसी सोच जो तकनीक, समन्वय और स्वदेशी ताकत को केंद्र में रखती है. यह सेना अब सिर्फ लड़ने के लिए नहीं, बल्कि दुश्मन की सोच को भी मात देने के लिए तैयार की जा रही है. करगिल के शौर्य से प्रेरित ये बदलाव भविष्य की हर चुनौती का जवाब देने में सक्षम हैं.

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