लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के गरीब परिवारों को आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अहम कदम बढ़ाया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 'जीरो पॉवर्टी अभियान' की शुरुआत की है, जिसके तहत राज्य में चिन्हित गरीब परिवारों के सदस्यों को गारंटीकृत कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके साथ ही, उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रमुख कंपनियों में रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. इस अभिनव पहल से सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश में कोई भी परिवार गरीबी के कारण दो वक्त की रोटी के लिए जूझता न रहे.
क्या है 'जीरो पॉवर्टी अभियान'?
'जीरो पॉवर्टी अभियान' का मुख्य उद्देश्य राज्य में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को एक नया जीवन देने का है. इस अभियान के तहत राज्य सरकार चिन्हित गरीब परिवारों के सदस्यों को गारंटीकृत कौशल विकास कार्यक्रम से जोड़कर उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी. इस पहल के तहत, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि गरीब परिवारों के सदस्य न केवल कौशल से लैस हों, बल्कि उन्हें सम्मानजनक नौकरी भी मिले, ताकि वे अपनी जीवनशैली को सुधार सकें और आत्मनिर्भर बन सकें.
कौशल विकास और रोजगार की गारंटी
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि इस पहल के तहत प्रशिक्षण पूरा करने के बाद गरीब परिवारों के सदस्यों को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में रोजगार मिलेगा. इनमें होटल ताज, भारतीय स्टेट बैंक (SBI), एल एंड टी लिमिटेड, मेदांता और अदाणी ग्रुप जैसी प्रमुख कंपनियां शामिल हैं. यह पहला अवसर है जब कोई सरकार सीधे गरीबों को कौशल विकास प्रशिक्षण देकर निजी क्षेत्र की शीर्ष कंपनियों में नौकरी उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है.
सात तरह के प्रशिक्षण देंगे
सरकार की ओर से गरीब परिवारों के मुखिया को गारंटीकृत कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत सात प्रकार के प्रशिक्षण दिए जाएंगे. यह प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘360 डिग्री’ फार्मूले पर आधारित होगा, जिसमें कार्यालय का रखरखाव, शौचालय सफाई, गेस्ट अटेंडेंट, हाउसकीपिंग, आतिथ्य, और भाषा संबंधित क्षमता को भी शामिल किया जाएगा. इसके अलावा, यह प्रशिक्षण विशेष रूप से उन क्षेत्रों में होगा, जहां नौकरी की संभावनाएं अधिक हैं. इस प्रशिक्षण के बाद उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उन्हें कम से कम 18,400 रुपये मासिक वेतन मिले, जिससे वे अपनी और अपने परिवार की जरूरतों को पूरा कर सकें.
पहले चरण में 300 परिवारों को मिलेगा प्रशिक्षण
मनोज कुमार सिंह के मुताबिक, इस अभियान के पहले चरण में 300 गरीब परिवारों के मुखिया को क्षमता विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके बाद, पूरे राज्य में चिन्हित परिवारों के मुखियाओं को यह प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके लिए राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश कौशल विकास विभाग के साथ साझेदारी की है और लगभग 1,000 ‘ट्रेनिंग पार्टनर’ इस अभियान से जुड़ेंगे. इस कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित व्यक्तियों को ऐसे क्षेत्रों में रोजगार मिलेगा, जहां काम की भरपूर संभावनाएं हैं, और उन्हें सीधे रोजगार से जोड़ा जाएगा.
यह पहल क्यों महत्वपूर्ण है?
इस अभियान का उद्देश्य सिर्फ गरीबी को खत्म करना नहीं है, बल्कि समाज में समान अवसर और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना भी है. सरकार का यह कदम न केवल गरीबों को रोजगार और आर्थिक स्वतंत्रता देगा, बल्कि यह उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाएगा. 'जीरो पॉवर्टी अभियान' उत्तर प्रदेश सरकार का एक सशक्त और प्रभावी कदम साबित हो सकता है, जो अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है.
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