UP News: उत्तर प्रदेश के लाखों किसानों के लिए बड़ी राहत की खबर आई है. योगी सरकार ने अब उस सबसे बड़ी चिंता पर काम शुरू कर दिया है जो हर किसान के दिल में होती है. फसल को कहां रखें और कब बेचें? अब किसान फसल को औने-पौने दाम में बेचने के लिए मजबूर नहीं होंगे, क्योंकि सरकार 16 जिलों में 1000 मीट्रिक टन तक की क्षमता वाले आधुनिक गोदाम बनाने जा रही है.
इन गोदामों का निर्माण "विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना" के तहत किया जाएगा. यह काम राज्य की 24 बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) के जरिए होगा. इस योजना में लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, रायबरेली, फर्रुखाबाद, मथुरा, लखीमपुर खीरी, महाराजगंज, झांसी और अन्य जिलों को शामिल किया गया है.
किसानों के लिए क्यों है ये जरूरी?
देश के लाखों किसान हर साल इस चिंता में रहते हैं कि फसल कटने के बाद जल्द बेचनी पड़ेगी, वरना खराब हो जाएगी. भंडारण की सुविधा न होने के कारण किसान मंडियों में औने-पौने दाम पर अपनी मेहनत की कमाई को बेचने को मजबूर होते हैं. लेकिन अब जब उनके पास भंडारण का विकल्प होगा, तो वे सही समय का इंतज़ार कर सकेंगे और बेहतर दाम पर फसल बेच पाएंगे.
बिचौलियों की भूमिका होगी खत्म
यह पहल किसानों को न केवल आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि बिचौलियों की भूमिका को भी खत्म करेगी. साथ ही कृषि उत्पादों के साथ-साथ रोजमर्रा की ज़रूरतों की चीज़ें जैसे दाल, तेल, आटा आदि का भी भंडारण इन गोदामों में संभव होगा, जिससे गांवों की सप्लाई चेन भी मजबूत होगी.
‘डबल इंजन सरकार’ का असर
यह योजना केंद्र और राज्य की ‘डबल इंजन सरकार’ की संयुक्त पहल का हिस्सा है. इससे यूपी के किसान को सीधे लाभ मिलेगा. किसान नेताओं ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि यदि गोदाम तय समय पर बनते हैं, तो यह एक ‘गेम चेंजर’ साबित हो सकता है.
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