राजौरी (जम्मू और कश्मीर) : जम्मू और कश्मीर में राजौरी के सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में और सुविधाओं को बढ़ाया जा जा रहा है, क्योंकि कोटरंका सब डिवीजन के बुधल गांव में एक अज्ञात बीमारी से 17 लोगों की मौत हो गई है.
स्थिति से निपटने के लिए, सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने जीएमसी राजौरी को पांच बाल विशेषज्ञ और पांच एनेस्थीसिया विशेषज्ञ उपलब्ध कराए हैं.
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जीएमसी राजौरी के प्रिंसिपल ने दी ये जानकारी
जीएमसी राजौरी के प्रिंसिपल डॉ. एएस भाटिया ने कन्फर्म किया कि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए सभी प्रकार की एडवांस तकनीक मौजूद है.
एमसी राजौरी के प्रिंसिपल डॉ अमरजीत सिंह भाटिया ने कहा, "... हमें (बुद्धल गांव से) निकलने के दौरान कर्मचारियों की कमी का सामना करना पड़ा. मैंने स्वास्थ्य सचिव से अनुरोध किया और आधे घंटे के भीतर, उन्होंने जीएमसी प्रिंसिपल को 5 एनेस्थेसियोलॉजिस्ट और 5 बाल रोग विशेषज्ञों की डिप्यूटेशन का आदेश पारित करा दिया. वे हमारे मौजूदा जनशक्ति को मजबूत करेंगे... हम 7 दिसंबर से 40 दिनों से इस संकट का सामना कर रहे हैं."
इसके अलावा, अस्पताल में एडवांस देखभाल वाली एम्बुलेंस तैयार हैं. वर्तमान में, बुधल गांव के छह मरीज जीएमसी अस्पताल राजौरी में उपचाराधीन हैं और ठीक हो रहे हैं. पूरे बुधल क्षेत्र को एक नियंत्रण क्षेत्र घोषित किया गया है और बुधल के विधायक जावेद इकबाल ने केंद्र सरकार से किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए एयर एम्बुलेंस उपलब्ध कराने की अपील की है, ताकि मरीजों को एयरलिफ्ट किया जा सके.
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राजौरी के बुधल गांव में अज्ञात बीमारी बनी है आफत
बुधल गांव में अज्ञात बीमारी की सूचना मिली है, जिसमें बुखार, पसीना, उल्टी, निर्जलीकरण और बेहोशी जैसे लक्षण शामिल हैं. शुरुआती परीक्षणों के बावजूद, कोई जीवाणु या वायरल संक्रमण नहीं पाया गया है. प्रशासन को अभी तक रहस्यमयी बीमारियों और रोगों के बारे में पता नहीं है, जिसके कारण सभी विभाग हाई अलर्ट पर हैं और स्थिति को संभालने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं.
बुधल विधायक जावेद इकबाल ने कहा, "मैंने अपने सामने बच्चों को तड़पते हुए मरते देखा... मैं सरकार से अपील करता हूं कि जम्मू या राजौरी में एयर एंबुलेंस तैनात की जाए, ताकि गंभीर रोगियों को एडवांस उपचार के लिए एयरलिफ्ट किया जा सके. बीमारी के फैलने और बड़े प्रकोप की स्थिति में पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ और एम्स दिल्ली में भी व्यवस्था की जानी चाहिए. जीएमसी राजौरी को भी मजबूत किया जाना चाहिए और किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए यहां अधिक कर्मचारियों को भेजा जाना चाहिए... कल, यहां से मरीजों को जम्मू ले जाया गया. लेकिन, मदद के अभाव में, उन्हें पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ नहीं भेजा जा सका और इसके बजाय उनका इलाज एसएमजीएस अस्पताल और जीएमसी जम्मू में किया जा रहा है."
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