UN Report: संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला तथ्य सामने रखा है कि दुनियाभर में 210 करोड़ से अधिक लोग आज भी पीने के लिए सुरक्षित और स्वच्छ पानी का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं. यानी हर चार में से एक व्यक्ति को साफ पानी की कमी झेलनी पड़ रही है. यह समस्या विशेषकर विकासशील देशों में अधिक गंभीर है, जहां लोग नदियों, तालाबों और नहरों जैसे असुरक्षित स्रोतों पर निर्भर हैं.
साफ पानी के बिना स्वास्थ्य की जंग
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूनिसेफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वच्छ जल और sanitation की कमी के कारण अरबों लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. जल, स्वच्छता और स्वास्थ्य सेवाएं केवल सुविधाएं नहीं, बल्कि हर मानव का बुनियादी अधिकार हैं, लेकिन दुर्भाग्यवश आज भी लाखों लोगों के लिए ये सुविधाएं दूर की कौड़ी हैं. 2030 तक भी पूरी दुनिया में सभी को साफ पानी उपलब्ध कराना एक बड़ा चैलेंज बना रहेगा.
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रिपोर्ट में पेयजल की पांच श्रेणियां बताई गई हैं.
सतही जल पर निर्भरता में कमी आई
रिपोर्ट के अनुसार, 2015 से अब तक 96 करोड़ से अधिक लोगों को सुरक्षित पानी उपलब्ध कराया गया है, जिससे पानी की पहुंच 68% से बढ़कर 74% हो गई है. पिछले साल भी लगभग 10.6 करोड़ लोग सतही जल पर निर्भर थे, जो पिछले दशक की तुलना में 6.1 करोड़ कम है. हालांकि सतही जल का इस्तेमाल करने वाले देशों की संख्या 2015 के 142 से बढ़कर 2024 में 154 तक पहुंचने का अनुमान है.
स्वच्छता सेवाओं में सुधार
2015 से 120 करोड़ लोगों को बेहतर स्वच्छता सुविधाएं मिली हैं, जिससे उनकी जीवनशैली बेहतर हुई है. खुले में शौच करने वाले लोगों की संख्या भी घटकर अब लगभग 35 करोड़ रह गई है. घर पर साबुन और पानी से हाथ धोने की सुविधा 66% से बढ़कर 80% हो गई है. यह दिखाता है कि स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ रही है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है.
अफ्रीका में साफ पानी की बड़ी चुनौती
28 ऐसे देश हैं जहां चार में से एक से ज्यादा लोगों के पास बुनियादी पेयजल की सुविधा नहीं है. ये अधिकांशत: अफ्रीका महाद्वीप के देश हैं. इन्हें साफ पानी और स्वच्छता सेवाओं के लिए विशेष ध्यान और सहायता की आवश्यकता है.
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