यूक्रेन का रूस पर करारा पलटवार, खास जगह को बनाया निशाना; पुतिन और यूरोप की बढ़ी चिंता

    Druzhba Oil Pipeline Russia: पूर्वी यूरोप में जारी युद्ध अब सिर्फ सीमाओं तक सीमित नहीं रहा, यह ऊर्जा सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं तक फैल गया है. रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी लड़ाई अब उस मोड़ पर है, जहां रणनीतिक ठिकानों पर हमला, युद्ध के भविष्य को तय कर सकता है.

    Ukraine strong retaliation on Russia Druzhba targeted Putin and Europe concern increases
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    Druzhba Oil Pipeline Russia: पूर्वी यूरोप में जारी युद्ध अब सिर्फ सीमाओं तक सीमित नहीं रहा, यह ऊर्जा सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं तक फैल गया है. रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी लड़ाई अब उस मोड़ पर है, जहां रणनीतिक ठिकानों पर हमला, युद्ध के भविष्य को तय कर सकता है. इसी क्रम में यूक्रेन ने हाल ही में रूस की 'द्रुज्बा' ऑयल पाइपलाइन को निशाना बनाया है, जो कि रूसी ऊर्जा निर्यात की रीढ़ मानी जाती है.

    शनिवार की रात रूस ने यूक्रेन पर 800 से अधिक मिसाइल और ड्रोन हमले किए. जवाबी कार्रवाई में यूक्रेनी बलों ने ब्रायंस्क क्षेत्र में स्थित 'द्रुज्बा' ऑयल पाइपलाइन पर हमला कर दिया. यह वही पाइपलाइन है जो बेलारूस और यूक्रेन के रास्ते स्लोवाकिया, हंगरी और जर्मनी तक तेल पहुंचाती है. इस हमले के बाद यूक्रेन ने दावा किया कि पाइपलाइन को गंभीर क्षति पहुंचाई गई है, जो रूस के लिए जबरदस्त रणनीतिक और आर्थिक झटका बन सकता है.

    द्रुज्बा: रूस की ऊर्जा शक्ति का प्रतीक

    द्रुज्बा, जिसका अर्थ है "दोस्ती", सोवियत संघ द्वारा बनाई गई दुनिया की सबसे लंबी कच्चे तेल की पाइपलाइनों में से एक है. इसकी लंबाई करीब 5500 किलोमीटर है और यह हर दिन 1.2 से 1.4 मिलियन बैरल कच्चा तेल सप्लाई करने में सक्षम है. इसकी शुरुआत 1960 के दशक में हुई थी, जब सोवियत संघ ने यूरोप में अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए इस रणनीतिक पाइपलाइन को विकसित किया था.

    क्यों चिंता में हैं पुतिन और यूरोप?

    भले ही कई यूरोपीय देश रूस से ऊर्जा लेना कम कर चुके हैं, लेकिन हंगरी, स्लोवाकिया जैसे देश अब भी द्रुज्बा के ज़रिए तेल मंगा रहे हैं. अगर पाइपलाइन को स्थायी नुकसान होता है, तो इन देशों की आपूर्ति बाधित हो सकती है और यूरोपीय ऊर्जा बाजारों में अस्थिरता आ सकती है. वहीं, रूस के लिए यह तेल निर्यात से होने वाली कमाई में सीधी चोट है, जो उसके युद्ध प्रयासों को फंड कर रही है.

    रूस की प्रतिक्रिया और स्थिति

    रूस ने फिलहाल पाइपलाइन पर हुए नुकसान की पुष्टि नहीं की है, लेकिन यह साफ है कि यूक्रेन की यह रणनीति रूसी इंफ्रास्ट्रक्चर को सटीक तरीके से निशाना बनाने की है.

    यूक्रेन ने कहा है कि "ऊर्जा सुविधाओं पर हमला, मास्को के युद्ध तंत्र को कमजोर करने का हिस्सा है." इससे पहले भी कई बार पाइपलाइन पर हमले के चलते हंगरी और स्लोवाकिया में तेल की आपूर्ति बाधित हो चुकी है.

    द्रुज्बा की कहानी

    द्रुज्बा का निर्माण 1958 में प्राग में लिए गए निर्णय के बाद शुरू हुआ था और 1964 तक यह पूरी तरह चालू हो गई. इसे बनाने में करीब 40 करोड़ रूबल की लागत आई थी और इसने मध्य यूरोप को ऊर्जा की डोर में बांध दिया था. आज भी यह पाइपलाइन, खासकर यूराल, साइबेरिया और कैस्पियन क्षेत्रों से निकले कच्चे तेल को यूरोपीय बाजारों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रही है.

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