अब अगर किसी को 'बिहारी', 'जाट', 'चिंकी-पिंकी' कहा तो लगेगा रैगिंग का आरोप, UGC ने जारी किए सख्त नियम

    UGC New Guidelines: भारत के कॉलेज और विश्वविद्यालय अब छात्रों की सुरक्षा को लेकर और सख्त रुख अपनाने जा रहे हैं. यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (UGC) ने रैगिंग की परिभाषा को और व्यापक करते हुए नए निर्देश जारी किए हैं.

    UGC New Guidelines on calling bihari chinki pinki considered as ragging
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    UGC New Guidelines: भारत के कॉलेज और विश्वविद्यालय अब छात्रों की सुरक्षा को लेकर और सख्त रुख अपनाने जा रहे हैं. यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (UGC) ने रैगिंग की परिभाषा को और व्यापक करते हुए नए निर्देश जारी किए हैं. अब रैगिंग का मतलब सिर्फ शारीरिक या मानसिक उत्पीड़न नहीं, बल्कि किसी छात्र की जाति, धर्म, लिंग, रंग, भाषा, क्षेत्र या आर्थिक पृष्ठभूमि को लेकर की गई अपमानजनक टिप्पणी भी होगी. यानी अब किसी को ‘बिहारी’, ‘चिंकी’, ‘जाट’ या ‘गरीब’ कहकर मज़ाक उड़ाना भी रैगिंग माना जाएगा  और इसके लिए सख्त सजा तय होगी.

    नए सत्र से पहले सभी संस्थान अलर्ट मोड में

    देशभर में यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में नया अकादमिक सत्र शुरू होने वाला है. इसे ध्यान में रखते हुए UGC ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों – जैसे कि IITs, NITs, मेडिकल, लॉ और मैनेजमेंट कॉलेजों को  सख्ती से एंटी-रैगिंग रेग्युलेशन 2009 और नई संशोधित गाइडलाइंस को लागू करने के निर्देश दिए हैं.

    कैंपस में होगी और सख्ती

    एंटी-रैगिंग कमेटी अनिवार्य हर संस्थान को अपनी एंटी-रैगिंग कमेटी बनानी होगी जो हॉस्टल, कैंटीन, टॉयलेट, लाइब्रेरी, बस स्टैंड आदि जगहों की निगरानी करेगी. CCTV निगरानी बढ़ेगी अब ‘डार्क ज़ोन’ जैसे जगहों पर भी कैमरे लगाने होंगे जहां पहले नज़र रखना मुश्किल होता था. छात्र संवाद और काउंसलिंग से होगी रोकथाम मनोवैज्ञानिक सलाह और जागरूकता संवाद छात्रों के बीच नियमित रूप से कराए जाएंगे.

    वीडियो के ज़रिए होगा रैगिंग के खिलाफ जागरूकता अभियान

    UGC अब पोस्टर और सेमिनार के अलावा छोटे वीडियो क्लिप्स के ज़रिए भी छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों को रैगिंग के खतरे और इसके परिणामों के प्रति जागरूक करेगा. इसका उद्देश्य छात्रों में मानसिक जागरूकता के साथ-साथ भावनात्मक समझ भी विकसित करना है. अब सभी छात्रों को एडमिशन के समय रैगिंग न करने का शपथपत्र (Affidavit) देना होगा, जिसमें छात्र और उसके माता-पिता यह लिखित रूप में स्वीकार करेंगे कि वे रैगिंग में शामिल नहीं होंगे. यह एक कानूनी दायित्व होगा.

    वेबसाइट पर होगी पारदर्शिता

    हर कॉलेज/यूनिवर्सिटी को अपनी वेबसाइट पर एंटी-रैगिंग सेल से संबंधित सभी जानकारी  जैसे कमेटी के सदस्य, मोबाइल नंबर, ईमेल और शिकायत पोर्टल सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करनी होगी. शिकायत मिलने पर संस्थान को तत्काल जांच और कार्रवाई करनी होगी.

    UGC का उद्देश्य: सुरक्षित और सम्मानजनक शिक्षा वातावरण

    UGC के इस फैसले का मकसद है कि छात्रों को किसी भी तरह की जातिगत, क्षेत्रीय या लैंगिक पहचान से अपमानित न किया जाए और उन्हें एक सुरक्षित, समावेशी और समान अधिकार वाला कैंपस वातावरण मिले.

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