Uff Yeh Siyapaa Movie Review: उफ्फ ये सियापा एक अनोखी फिल्म है जो खामोश है, फिर भी अपनी कहानी को गहराई से बयां करती है. कलाकारों के अद्भुत अभिनय, शानदार निर्देशन और ए.आर. रहमान की धुनों के साथ, यह फिल्म एक ऐसा मनोरंजन है जो आपको पूरी तरह बांधे रखता है. यह एक ऐसा मनोरंजन है जो कम ही देखने को मिलता है.
कहानी की बात करें तो, यह एक आम आदमी की कहानी है जिसकी ज़िंदगी एक छोटी सी ग़लतफ़हमी के बाद नियंत्रण से बाहर हो जाती है और सोचिए वो कौन है, सोहम शाह, जिन्होंने केसरी लाल सिंह का किरदार निभाया है और हमेशा की तरह निराश नहीं किया है और अपने किरदार में पूरी तरह से खरे उतरे हैं. इस पहली भारतीय मूक फिल्म में उन्होंने अपने अभिनय और भाव-भंगिमाओं से कमाल कर दिया है. मानो या न मानो, तुम्बाड और क्रेज़ी जैसी थ्रिलर फिल्मों के पीछे उन्हीं का हाथ है, और यहाँ वो एक पेशेवर कलाकार की तरह हास्य रच रहे हैं.
दूसरी ओर, पुष्पा के रूप में नुसरत भरुचा अपने किरदार में पूरी तरह से जमी हुई हैं और अपनी छाप छोड़ती हैं. हालाँकि हमने उन्हें ज़्यादातर अलग-अलग ग्लैमरस और इंटेंस रोल में देखा है, लेकिन इस कॉमेडी फिल्म में भी उन्होंने कमाल कर दिखाया है. उनका किरदार चुनौतीपूर्ण है जो दो अलग-अलग परिस्थितियों में उलझा हुआ है और कई मोड़ लेकर आता है.
कामिनी के रूप में नोरा फतेही ने अपनी ग्लैमरस अदाओं से फिल्म में एक अलग ही रंग भर दिया है. उन्होंने अपनी भूमिका बखूबी निभाई है और हमेशा की तरह सबका ध्यान अपनी ओर खींच रही हैं.
गंगरा के रूप में शारिब हाशमी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और नुसरत के साथ दिलचस्प लग रहे हैं. इसके बाद बेतुके, हास्य से भरपूर, दुर्घटनाओं की एक श्रृंखला शुरू होती है - जो बिना एक भी शब्द बोले सामने आती है.
उफ्फ ये सियापा, जी. अशोक द्वारा लिखित और निर्देशित तथा लव रंजन और अंकुर गर्ग द्वारा निर्मित, अंततः आपको अराजकता और इसके निरंतर उतार-चढ़ाव के बीच शांति का आनंद लेने का मौका देती है.
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