तुर्की ने अपनी सुरक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाई पर पहुंचाते हुए घरेलू स्तर पर विकसित इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस सिस्टम ‘स्टील डोम’ का अनावरण किया है. राजधानी अंकारा में आयोजित एक समारोह के दौरान राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान ने इसका उद्घाटन किया और इसे तुर्की की सैन्य आत्मनिर्भरता की दिशा में ‘ऐतिहासिक मोड़’ बताया.
डिफेंस टेक्नोलॉजी कंपनी ASELSAN के प्लांट में तैयार किए गए इस सिस्टम को इजरायल के प्रसिद्ध Iron Dome की तर्ज पर डिजाइन किया गया है. इसमें ग्राउंड और सी-बेस्ड डिफेंस यूनिट्स के साथ रडार और सेंसर का नेटवर्क तैयार किया गया है, जिससे किसी भी हवाई खतरे को तुरंत पहचाना और जवाब दिया जा सके.
100-150 किलोमीटर तक दुश्मन की हरकत पर रहेगी नजर
‘स्टील डोम’ सिस्टम की अनुमानित रेंज 100 से 150 किमी तक होगी और यह प्रणाली ड्रोन, क्रूज़ मिसाइल, हेलिकॉप्टर और फिक्स्ड-विंग एयरक्राफ्ट के खिलाफ बेहद प्रभावी मानी जा रही है. इसका उद्देश्य न केवल तुर्की की सीमाओं की सुरक्षा को और पुख्ता करना है, बल्कि भविष्य में यह सिस्टम साझेदार देशों को निर्यात करने के लिए भी तैयार किया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, तुर्की इस सिस्टम को पाकिस्तान को बेच सकता है, खासकर ऐसे वक्त में जब ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को भारतीय ब्रह्मोस मिसाइलों से बड़ा नुकसान झेलना पड़ा था.
460 मिलियन डॉलर की पहली खेप तैयार
राष्ट्रपति एर्दोगान ने बताया कि इस प्रोजेक्ट की शुरुआत पिछले साल अगस्त 2024 में की गई थी और अब इसकी पहली खेप में 47 एडवांस सिस्टम व्हीकल्स शामिल किए गए हैं, जिनकी कुल लागत लगभग 460 मिलियन अमेरिकी डॉलर बताई जा रही है. उनके मुताबिक, आज के सुरक्षा माहौल में कोई भी देश तब तक आत्मनिर्भर नहीं हो सकता जब तक वह खुद की रडार और एयर डिफेंस तकनीक विकसित न कर ले. तुर्की अब इस दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है.
F-35 प्रोग्राम से निकाले जाने के बाद बदली रणनीति
तुर्की की यह पहल ऐसे समय में आई है जब रूस से S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने के चलते उसे अमेरिका के F-35 स्टील्थ फाइटर जेट प्रोग्राम से बाहर कर दिया गया था. यह फैसला अंकारा की रक्षा नीति के लिए बड़ा झटका था. हालांकि ‘स्टील डोम’ पूरी तरह से S-400 की जगह नहीं ले सकता, लेकिन इससे तुर्की को एक वैकल्पिक सुरक्षा ढांचा जरूर मिलेगा और रूसी हथियारों पर उसकी निर्भरता में कमी आएगी.
सीरिया-यूक्रेन संघर्ष और क्षेत्रीय तनाव बना कारण
तुर्की ने यह कदम ऐसे वक्त में उठाया है जब सीरिया और यूक्रेन में चल रहे युद्ध, साथ ही ईरान-इज़राइल के बीच बढ़ता तनाव, क्षेत्रीय अस्थिरता को और जटिल बना रहे हैं. इन हालातों को देखते हुए तुर्की ने अपनी घरेलू रक्षा उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने का निर्णय लिया है. ASELSAN के नए प्रोडक्शन प्लांट्स 2026 तक पूरी तरह ऑपरेशनल हो जाएंगे, जिससे तुर्की न सिर्फ अपनी ज़रूरतों को पूरा कर सकेगा, बल्कि रक्षा निर्यातक के रूप में भी खुद को स्थापित करने की तैयारी कर रहा है.
इतिहास से सबक लेकर आत्मनिर्भरता की राह पर
राष्ट्रपति एर्दोगान ने अपने संबोधन में 1974 के साइप्रस ऑपरेशन का भी जिक्र किया, जिसके बाद अमेरिका ने तुर्की पर हथियार प्रतिबंध लगा दिया था. उन्होंने कहा कि वही घटना तुर्की के आत्मनिर्भर रक्षा उद्योग की नींव बनी. अब, ‘स्टील डोम’ के माध्यम से तुर्की दुनिया को यह संदेश दे रहा है कि वह अपने भविष्य की सुरक्षा खुद करने में पूरी तरह सक्षम है.
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