अंतरराष्ट्रीय व्यापार और टैरिफ को लेकर चल रही तनातनी के बीच ब्राजील ने भारत के साथ खड़ा होकर अमेरिका को सीधा संदेश दे दिया है. ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि वे टैरिफ को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात करने को इच्छुक नहीं हैं. वहीं उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से संवाद की इच्छा जताई है.
एक पत्रकार वार्ता के दौरान जब ट्रंप ने कहा कि अगर ब्राजील के राष्ट्रपति चाहें तो वे फोन पर बात करने के लिए तैयार हैं, तो लूला दा सिल्वा ने इस प्रस्ताव को बिना किसी झिझक के ठुकरा दिया. ब्राजील के स्थानीय मीडिया से बातचीत में लूला ने कहा, “मैं ट्रंप को टैरिफ के मुद्दे पर फोन नहीं करने वाला हूं, आप निश्चिंत रहिए. उन्हें मेरी बातें सुनने में कोई रुचि नहीं है, और मैं बेवजह बात करने वाला नहीं हूं.”
व्यापार वार्ता के लिए मोदी, पुतिन और जिनपिंग हैं पसंद
लूला दा सिल्वा ने ट्रंप की बजाय पीएम मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग से संपर्क साधने की मंशा जताई. उन्होंने कहा, “अगर मुझे व्यापार और साझेदारी को लेकर किसी से बात करनी है, तो मैं नरेंद्र मोदी को फोन करूंगा. वे कम से कम बात तो सुनते हैं.” उन्होंने यह भी जोड़ा कि रूस और चीन के नेताओं के साथ वे परस्पर सम्मान के साथ व्यापारिक मुद्दों पर चर्चा करना पसंद करते हैं.
व्यापार में गरिमा और संप्रभुता को सर्वोपरि बताया
राष्ट्रपति लूला ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि ब्राजील किसी भी तरह की व्यापारिक बातचीत में अपनी संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा. उन्होंने कहा, “व्यापार पर बातचीत आपसी सहमति और समान गरिमा के साथ होनी चाहिए. हम अमेरिका से टैरिफ पर बात करने को तैयार हैं, लेकिन आमने-सामने और बराबरी के स्तर पर, झुककर नहीं.”
ट्रंप और लूला की तल्खी की वजहें
ब्राजील और अमेरिका के संबंधों में यह तल्खी नई नहीं है. लूला दा सिल्वा लंबे समय से डोनाल्ड ट्रंप की राजनीति के आलोचक रहे हैं. लूला का आरोप है कि ट्रंप ने ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जैर बोल्सनारो को समर्थन देकर उनके खिलाफ तख्तापलट की कोशिश को हवा दी थी. बोल्सनारो को ब्राजील की अदालत ने हाल ही में हाउस अरेस्ट का आदेश दिया है. ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से कई बार बोल्सनारो की तारीफ की है और उन्हें "ब्राजील का महान नेता" बताया है. यही नहीं, ट्रंप ने ब्रिक्स संगठन की आलोचना करते हुए इसे अमेरिका की आर्थिक ताकत को कमज़ोर करने की साजिश बताया था.
ब्रिक्स को लेकर बढ़ी दूरियां
ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) संगठन की भूमिका इस पूरे विवाद के केंद्र में है. वर्तमान समय में ब्राजील इस संगठन में अहम भूमिका निभा रहा है और लूला इसकी मजबूती के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं. वहीं ट्रंप इसे अमेरिकी हितों के खिलाफ एक रणनीति मानते हैं.
यह भी पढ़ें: आरबीआई की मौद्रिक नीति बैठक खत्म, रेपो रेट में इस बार कोई बदलाव नहीं, जानिए क्या है वजह