अमेरिका की ऐसी नस पर भारत ने रखा पांव, तिलमिला गए ट्रंप! फोड़ दिया टैरिफ वाला बम

    दुनिया के दो बड़े लोकतंत्रों के बीच व्यापारिक टकराव एक बार फिर सुर्खियों में है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर भारी-भरकम टैरिफ की मार की है, जिससे वैश्विक व्यापार और कूटनीतिक समीकरणों में नया मोड़ आ गया है.

    Trump fired on india imposed tariff over buying oil from russia
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    दुनिया के दो बड़े लोकतंत्रों के बीच व्यापारिक टकराव एक बार फिर सुर्खियों में है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर भारी-भरकम टैरिफ की मार की है, जिससे वैश्विक व्यापार और कूटनीतिक समीकरणों में नया मोड़ आ गया है. इस फैसले की वजह भारत और रूस के बीच लगातार बढ़ता ऊर्जा और खनन सहयोग बताया जा रहा है.

    हाल के महीनों में भारत और रूस के बीच ऊर्जा, खनन और तकनीकी क्षेत्रों में सहयोग को लेकर कई महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं. इसी कड़ी में दोनों देश अब जमीन के भीतर से कोयले से गैस निकालने, आधुनिक फैक्ट्रियां बनाने और दुर्लभ खनिजों की खोज के लिए साझा प्रयासों में जुटे हैं. सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह रणनीतिक साझेदारी ‘भारत-रूस वर्किंग ग्रुप ऑन मॉडर्नाइजेशन एंड इंडस्ट्रियल कोऑपरेशन’ की बैठक में तय हुई, जो दोनों देशों के बीच आर्थिक और तकनीकी सहयोग को लेकर बनाई गई संयुक्त समिति के अंतर्गत काम करती है.

    दुर्लभ खनिजों पर बढ़ा फोकस

    भारत और रूस अब तांबा, लिथियम, कोबाल्ट, निकल और अन्य रेयर अर्थ मिनरल्स की खोज और उत्पादन के लिए साझेदारी कर रहे हैं. ये खनिज इलेक्ट्रिक वाहनों, बैटरियों, पवन चक्कियों और हाइड्रोजन ऊर्जा जैसे भविष्य के ऊर्जा विकल्पों के लिए अहम माने जाते हैं. साफ ऊर्जा की दिशा में यह कदम जहां भारत को आत्मनिर्भरता की ओर ले जा सकता है, वहीं अमेरिका के लिए यह चिंता का विषय बन गया है, खासकर जब भारत इन खनिजों की पूर्ति के लिए रूस पर निर्भरता बढ़ा रहा है.

    एयरोस्पेस और टेक्नोलॉजी में भी सहयोग

    इसके अलावा, दोनों देश मिलकर एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी, विंड टनल फैसिलिटी, कार्बन फाइबर, छोटे एयरक्राफ्ट इंजन और 3D प्रिंटिंग जैसे क्षेत्रों में भी काम करने जा रहे हैं. यह सहयोग भारत की रक्षा और अंतरिक्ष क्षमताओं को भी मजबूती देने वाला साबित हो सकता है.

    ट्रंप का तीखा प्रहार: भारत को रूस से नाता महंगा पड़ा

    ट्रंप प्रशासन ने भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिसमें 25% पहले से लागू है और 25% नया जोड़ा गया है. यह फैसला बुधवार को एक कार्यकारी आदेश के जरिए लागू किया गया. इस आदेश में कहा गया है कि भारत रूस से सस्ता कच्चा तेल और अन्य वस्तुएं खरीदकर यूक्रेन युद्ध में अप्रत्यक्ष रूप से रूस को आर्थिक सहयोग दे रहा है.

    कुछ वस्तुओं को मिली राहत, बाकी पर बड़ा असर

    ट्रंप के आदेश में कुछ चुनिंदा उत्पादों को इस बढ़े हुए शुल्क से राहत दी गई है, लेकिन अधिकतर भारतीय वस्तुएं अब अमेरिका में महंगी हो जाएंगी. इससे भारत के निर्यातकों को बड़ा झटका लग सकता है, खासकर टेक्सटाइल, केमिकल्स और फार्मा जैसे क्षेत्रों को.

    भारत का जवाब: कूटनीतिक चुप्पी, रणनीतिक एकजुटता

    फिलहाल भारत सरकार की ओर से इस फैसले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि भारत रूस के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को और गहराने के मूड में है. अमेरिका के दबाव के बावजूद भारत अपने बहुपक्षीय संबंधों में संतुलन बनाए रखने की नीति पर कायम है.

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