यमन के 80,000 सैनिक तैयार, हूतियों के लिए काल बनेंगे ट्रंप... ईरान के गर्दन पर लटकी तलवार; खामेनेई की टेंशन बढ़ी!

    अमेरिका और इज़राइल को चुनौती देने वाले यमन के हूती विद्रोहियों को हटाने के लिए अब सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. करीब 80 हजार सैनिकों को इस मिशन के लिए तैयार किया गया है.

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    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    अमेरिका और इज़राइल को चुनौती देने वाले यमन के हूती विद्रोहियों को हटाने के लिए अब सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. करीब 80 हजार सैनिकों को इस मिशन के लिए तैयार किया गया है. यह यमन के गृहयुद्ध में अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभियान माना जा रहा है. इन सैनिकों का मुख्य लक्ष्य है- हूतियों के कब्जे वाले हुदैदाह बंदरगाह को फिर से अपने नियंत्रण में लेना. यह बंदरगाह बहुत ही अहम है क्योंकि इसी के जरिए ईरान हूती विद्रोहियों को हथियार, ड्रोन और मिसाइलें पहुंचाता है.

    अमेरिका भी यमन की सेना की मदद करेगा

    हूती लड़ाके इस बंदरगाह को काफी समय पहले यमन की मान्यता प्राप्त सरकार से छीन चुके हैं. माना जा रहा है कि इस हमले में अमेरिका भी यमन की सेना की मदद कर सकता है. यूएई की मीडिया के मुताबिक, गल्फ रिसर्च सेंटर के प्रमुख डॉ. अब्दुल अज़ीज़ सागर ने बताया कि अगर हुदैदाह में यह हमला सफल होता है, तो अगला टारगेट यमन की राजधानी सना हो सकता है, जिस पर 2014 से हूतियों का कब्जा है. उन्होंने कहा कि 80 हजार सैनिक अलग-अलग इलाकों में तैनात हैं और बस हमले के आदेश का इंतजार कर रहे हैं. हाल ही में अमेरिका ने हूतियों पर कई बड़े हवाई हमले किए थे, जिसमें उनके कई नेता मारे गए. डोनाल्ड ट्रंप ने भी साफ कहा था कि अगर हूतियों ने अपनी हरकतें नहीं रोकीं, तो उन्हें पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा.

    ईरान के गर्दन पर लटकी तलवार

    डॉ. सागर का मानना है कि अब अमेरिका यमन सरकार को खुलकर मदद देगा. वह हवाई सुरक्षा और ड्रोन निगरानी जैसे उपायों से हूतियों को कमजोर करने में मदद कर सकता है. उनका कहना है कि हूतियों का अंत अब करीब आ गया है.

    कुछ दिन पहले ही अमेरिकी सेना के सीनियर जनरल माइकल एरिक कुरिल्ला ने सऊदी अरब में यमन की सेना के अधिकारियों से मुलाकात की थी. 2018 में भी यमन, सऊदी अरब और यूएई की सेना ने मिलकर हुदैदाह को चारों तरफ से घेर लिया था, लेकिन उस समय संयुक्त राष्ट्र ने इसमें दखल देकर अभियान रुकवा दिया था. तब इस ऑपरेशन का नेतृत्व पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल राहील शरीफ ने किया था और इसे सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का पूरा समर्थन मिला था.

    अगर इस बार हूतियों को यमन से पूरी तरह हटाया जाता है, तो ईरान का एक और बड़ा सहयोगी खत्म हो जाएगा. पहले ही सीरिया की असद सरकार कमजोर हो चुकी है, और हिज़्बुल्लाह व हमास इज़राइल के हमलों से जूझ रहे हैं.

    अमेरिकी हमलों में 120 से ज्यादा लोग मारे गए

    इस बीच, यमन की राजधानी सना के आसपास अमेरिकी हवाई हमलों में कम से कम छह लोगों की मौत और 30 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. हूती विद्रोहियों ने बताया कि अमेरिका पिछले एक महीने से उन पर लगातार हमले कर रहा है. यह हमले इसलिए हो रहे हैं क्योंकि हूतियों ने इज़राइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध के दौरान समुद्र में जहाजों को निशाना बनाने की धमकी दी थी.

    हूतियों के अनुसार, अब तक अमेरिकी हमलों में 120 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. एक हूती समाचार चैनल ने हमले की जगह के वीडियो भी दिखाए, जिसमें आग बुझाते दमकलकर्मी और मलबे में घायल लोगों को बचाते हुए देखा जा सकता है. हालांकि अमेरिकी सेना ने अभी तक इन हमलों की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है.

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