Prevention of Dehydration: गर्मी का मौसम केवल छुट्टियों और आम के मौसम के लिए नहीं जाना जाता, बल्कि यह अपने साथ चिलचिलाती धूप, लू और स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर चुनौतियां लाता है. खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में खेतों में काम करने वाले किसान, ईंट भट्ठों और सड़कों पर काम करने वाले श्रमिक, सफाईकर्मी और बाहर समय बिताने वाले बच्चे लू की चपेट में सबसे पहले और सबसे अधिक आते हैं. ऐसे में ज़रूरत है कि लू से बचाव की जानकारी हर घर, हर गांव और हर गली तक पहुंचे. आइए जानते हैं कि आप भीषण गर्मी में खुद को लू और डिहाइड्रेशन से कैसे बचा सकते हैं.
लू क्या है और यह क्यों है खतरनाक?
लू यानी गर्म और शुष्क हवा, जो दोपहर के वक्त ज़ोर पकड़ती है. तापमान जब 40°C से ऊपर चला जाता है, तो यह हवा इंसानी शरीर के अंदरूनी तापमान को असंतुलित कर देती है. इसके कारण तेज़ सिरदर्द, चक्कर आना, मितली या उल्टी, बेहोशी जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कुछ मामलों में तो जान जाने तक का खतरा होता है.
लू लगने पर क्या करें?
तुरंत व्यक्ति को छांव या ठंडी जगह पर लाएं.
गिला कपड़ा शरीर पर रखें या ठंडे पानी से स्पंज करें.
ORS या नींबू पानी पिलाएं
गंभीर स्थिति में तुरंत 108 या 102 नंबर पर कॉल करें.
नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं.
लू से बचाव के आसान और असरदार उपाय
घर से निकलने से पहले पानी पीकर निकलें, थोड़े-थोड़े समय पर पानी पीते रहें.
हल्के ढीले ढाले सूती वस्त्र पहनें, ताकि शरीर में हवा पहुंचे और पसीने को सोखकर शरीर को ठंडा रखें.
घर से निकलते समय धूप के चश्मे का प्रयोग करें.
शुद्ध व ताजा भोजन करें, तीन घंटे के बाद बचे हुए भोजन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
खुले में रखे खाद्य पदार्थों का सेवन न करें. एल्कोहल, चाय, कॉफी, कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक से बचें.
दोपहर में 12 से 3 बजे के बीच घर से बाहर निकलने में परहेज करें.
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