ट्रेविस हेड ने ऐसा क्या किया? हाई कोर्ट पहुंच गई RCB; लगाए ये आरोप

    नई दिल्ली: IPL की टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने उबर मोटो के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई है. मामला एक विज्ञापन को लेकर है, जिसमें RCB का कहना है कि उनके नाम और पहचान (ट्रेडमार्क) का गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया है.

    ट्रेविस हेड ने ऐसा क्या किया? हाई कोर्ट पहुंच गई RCB; लगाए ये आरोप
    Image Source: Social Media

    नई दिल्ली: IPL की टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने उबर मोटो के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई है. मामला एक विज्ञापन को लेकर है, जिसमें RCB का कहना है कि उनके नाम और पहचान (ट्रेडमार्क) का गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया है.

    क्या है पूरा मामला?

    दरअसल उबर मोटो ने एक विज्ञापन बनाया है जिसका नाम है, "बैडीज इन बेंगलुरु ft. ट्रेविस हेड". आपको बता दें कि इस एड को अब तक 13 लाख (1.3 मिलियन) से ज्यादा लोग देख चुके हैं. वहीं दूसरी ओर RCB का आरोप है कि इस वीडियो में सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाड़ी ट्रेविस हेड RCB की टीम को नीचा दिखा रहे हैं.

    वीडियो में क्या दिखाया गया?

    आपको बता दें कि वीडियो में ट्रेविस हेड चिन्नास्वामी स्टेडियम की ओर भागते हैं. रास्ते में एक साइनबोर्ड पर "बेंगलुरु vs हैदराबाद" लिखा होता है. हेड उसमें स्प्रे पेंट से 'रॉयली चैलेंज्ड' लिख देते हैं, जो RCB के नाम का मजाक उड़ाता है. RCB की ओर से पेश हुए वकील श्वेताश्री मजूमदार ने कहा कि उबर मोटो ने RCB के नाम और पहचान (ट्रेडमार्क) का बिना इजाजत इस्तेमाल किया. ट्रेविस हेड को जानबूझकर ऐसे दिखाया गया है जिससे टीम की इमेज खराब हो. चूंकि उबर मोटो सनराइजर्स हैदराबाद की स्पॉन्सर है, इसलिए यह व्यावसायिक मकसद से किया गया.

    उबर मोटो की सफाई

    वहीं इस मामले पर उबर मोटो की सफाई सामने आई है. कंपनी की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि यह वीडियो बस मजाक और मनोरंजन के लिए बनाया गया है. RCB को मजाक समझने की आदत नहीं है. वीडियो का मकसद यह दिखाना है कि बेंगलुरु जैसे ट्रैफिक भारी शहर में उबर मोटो कैसे मददगार है, खासकर जब 13 मई को मैच होने वाला हो.

    कोर्ट ने क्या किया?

    उधर अदालत में जज सौरभ बनर्जी ने कहा कि वह दोनों पक्षों की दलीलें सुन चुके हैं. RCB की उस मांग पर, जिसमें उन्होंने विज्ञापन पर रोक लगाने (इंटरिम ऑर्डर) की बात की थी, फैसला जल्द सुनाया जाएगा. फिलहाल आदेश सुरक्षित रख लिया गया है.