अक्सर हम ट्रैफिक नियमों की अनदेखी को छोटी गलती समझते हैं जैसे हेलमेट न पहनना, रेड लाइट कूद जाना या जल्दी में नो-पार्किंग में गाड़ी खड़ी करना. लेकिन इन छोटी भूलों की तस्वीरें शहर के हर कोने में लगे कैमरे चुपचाप खींच लेते हैं. फिर जब घर पर भारी-भरकम चालान पहुंचता है तो दिल बैठ जाता है. पर अब घबराने की ज़रूरत नहीं. सरकार ने आम लोगों की परेशानी को समझते हुए एक ऐसी व्यवस्था बनाई है जिससे आपका चालान या तो आधा या फिर पूरी तरह माफ हो सकता है.
क्या है लोक अदालत और कैसे मिलती है राहत?
‘लोक अदालत’ यानी आम जनता के लिए एक वैकल्पिक न्याय व्यवस्था, जहां बिना किसी वकील या लंबी सुनवाई के मामूली ट्रैफिक मामलों का निपटारा हो सकता है. यहां आप सीधे जाकर अपने चालान को चुनौती दे सकते हैं और काफी मामलों में छूट भी पा सकते हैं.
साल में चार बार मिलता है मौका
लोक अदालत कोई एक दिन का आयोजन नहीं है, बल्कि हर साल 4 बार आयोजित की जाती है. अगली लोक अदालत 13 सितंबर 2025 को होने वाली है. इसमें हिस्सा लेने के लिए आपको दो दिन पहले ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
क्या करना होगा?
किस तरह के चालान हो सकते हैं माफ?
अगर आपके चालान जुर्माने के इन मामलों से जुड़े हैं, तो राहत मिलने की संभावना ज्यादा है:
चालान की स्थिति ऐसे करें चेक
आपके वाहन पर कितना चालान है और किस वजह से है, यह जानना बेहद जरूरी है. इसके लिए आप दो तरीके अपना सकते हैं. echallan.parivahan.gov.in वेबसाइट पर जाएं. या फिर mParivahan ऐप डाउनलोड करें. इसके बाद अपना चालान नंबर, वाहन नंबर या ड्राइविंग लाइसेंस नंबर डालें और कैप्चा कोड भरें. पूरा डिटेल्स सामने आ जाएगा. उसका प्रिंट निकालकर आप लोक अदालत में समय पर पहुंच सकते हैं.
एक से ज्यादा चालान? तो ये रखें ध्यान
अगर आपके नाम पर एक से अधिक चालान हैं, तो हर चालान के लिए अलग-अलग रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है. एक ही अपॉइंटमेंट से आप कई चालानों की सुनवाई नहीं करवा सकते. लोक अदालत न केवल एक वैकल्पिक व्यवस्था है, बल्कि ये एक सरल और मानवीय तरीका है जिससे आम आदमी को राहत मिलती है. यह दिखाता है कि सरकार अब सख्ती के साथ-साथ संवेदनशीलता से भी काम कर रही है.
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