चीन को लेकर ट्रंप पड़ गए ठंडे, 145% से घटकर 80% परसेंट तक आ सकते हैं अमेरिकी टैरिफ

    वैश्विक व्यापार जगत की नजरें अब अमेरिका और चीन के बीच फिर से शुरू हो रही व्यापारिक बातचीत पर टिक गई हैं. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर लगाए गए टैरिफ को घटाकर 80 प्रतिशत करने का सुझाव देकर ट्रेड वॉर में संभावित नरमी का संकेत दिया है. यदि यह प्रस्ताव अमल में आता है, तो यह पिछले कई वर्षों से चल रही आर्थिक तनातनी को कम करने की दिशा में एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है.

    trade war donald trump US tariffs may come down from 145% to 80%
    File Image Source ANI

    वैश्विक व्यापार जगत की नजरें अब अमेरिका और चीन के बीच फिर से शुरू हो रही व्यापारिक बातचीत पर टिक गई हैं. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर लगाए गए टैरिफ को घटाकर 80 प्रतिशत करने का सुझाव देकर ट्रेड वॉर में संभावित नरमी का संकेत दिया है. यदि यह प्रस्ताव अमल में आता है, तो यह पिछले कई वर्षों से चल रही आर्थिक तनातनी को कम करने की दिशा में एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है.

    ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट 'ट्रुथ सोशल' पर लिखा, "चीन पर 80 प्रतिशत टैरिफ सही रहेगा! यह स्कॉट बी पर निर्भर करता है." यहां उन्होंने अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बी का उल्लेख किया है, जो स्विट्ज़रलैंड के जेनेवा में होने वाली उच्चस्तरीय बैठक में चीन के अधिकारियों से चर्चा करने वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे. इस बैठक को 2025 की सबसे बड़ी द्विपक्षीय व्यापार वार्ता माना जा रहा है, जहां दोनों पक्षों के बीच जारी टैरिफ युद्ध को थामने की उम्मीद जताई जा रही है.

    ट्रंप ने चीन से बाजार खोलने की अपील की

    एक अन्य पोस्ट में ट्रंप ने चीन को खुला बाजार उपलब्ध कराने की सलाह देते हुए लिखा, "चीन को अपना बाजार अमेरिका के लिए खोल देना चाहिए – यह उनके लिए बहुत फायदेमंद होगा! अब बंद बाजार का मॉडल काम नहीं कर रहा!"

    फिलहाल अमेरिकी आयात पर लागू 145 प्रतिशत टैरिफ की तुलना में ट्रंप का 80 प्रतिशत का प्रस्ताव काफी नरम रुख दर्शाता है. हालांकि यह अभी भी यूएस-यूके ट्रेड डील में प्रस्तावित 10 प्रतिशत यूनिवर्सल टैरिफ से कहीं अधिक है.

    व्यापारिक आंकड़े और पृष्ठभूमि

    अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के मुताबिक, वर्ष 2024 में अमेरिका ने चीन को 143.5 अरब डॉलर मूल्य के सामान का निर्यात किया, जबकि चीन से 438.9 अरब डॉलर का आयात किया गया. दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध गहरे हैं, लेकिन टैरिफ युद्ध ने इन संबंधों को जटिल बना दिया है.

    2 अप्रैल 2025 को ट्रंप प्रशासन ने रेसिप्रोकल टैरिफ नीति की घोषणा की थी, जिसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर 125 प्रतिशत का टैरिफ लगाया. इसके बाद से दोनों देशों के बीच टैरिफ में लगातार बढ़ोतरी देखी गई, यहां तक कि अमेरिका ने इसे 145 प्रतिशत तक बढ़ा दिया था. हालांकि, बाद में कुछ खास इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों को टैरिफ से छूट भी दी गई.

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