UP BJP President Election: उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) में प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. पार्टी आगामी चुनावों के मद्देनजर अनुभवी और संगठनात्मक क्षमता वाले नेताओं पर फोकस कर रही है, ताकि चुनावी मैदान में पार्टी की स्थिति मजबूत बनी रहे. हालांकि, 14 दिसंबर को होने वाले इस चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम अब तक स्पष्ट नहीं किए गए हैं, लेकिन कई नाम सामने आ रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की तैयारियों के बीच, भाजपा कार्यालय में चुनावी शेड्यूल जारी कर दिया गया है, और प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव अब एक कदम और नजदीक आ गया है.
चुनाव की प्रक्रिया और शेड्यूल
भा.ज.पा. के प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए आवश्यक प्रांतीय परिषद के सदस्य चुन लिए गए हैं. प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में से 327 सदस्य पहले ही चुन लिए गए हैं. इस चुनाव में मतदान प्रांतीय परिषद के सदस्य करेंगे. इसके अलावा, 98 में से 84 संगठन जिलों के चुनाव भी संपन्न हो चुके हैं. पार्टी ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को उत्तर प्रदेश के लिए चुनाव अधिकारी नियुक्त किया है, और उनकी लखनऊ में उपस्थिति के बाद नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा की जाएगी.

संभावित प्रदेश अध्यक्ष पद के उम्मीदवार
पंकज चौधरी
पंकज चौधरी, जो कि महाराजगंज से लोकसभा सांसद और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री हैं, एक बड़े उम्मीदवार माने जा रहे हैं. गोरखपुर में जन्मे पंकज चौधरी ने 1980 के दशक में राजनीति की शुरुआत की और सात बार सांसद चुने गए. उनका संगठन में मजबूत पकड़ और केंद्रीय नेतृत्व में विश्वास उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए एक मजबूत दावेदार बनाता है.

बीएल वर्मा
बीएल वर्मा, जो कि उपभोक्ता और खाद्य विभाग के केंद्रीय राज्य मंत्री हैं, एक और प्रमुख उम्मीदवार हैं. वे राज्यसभा सांसद हैं और लोध बिरादरी से आते हैं. उनके पश्चिमी उत्तर प्रदेश और ओबीसी फैक्टर पर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की नज़र हो सकती है. उनकी राजनीति की शुरुआत 1980 के दशक में हुई थी, जब वे बीजेपी युवा मोर्चा के सदस्य थे.

कांता कर्दम
कांता कर्दम, जो राज्यसभा सांसद हैं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तेजतर्रार महिला नेता मानी जाती हैं. उनका दलित (जाटव) बिरादरी से होना और महिला प्रतिनिधित्व पर ध्यान केंद्रित करना उन्हें एक महत्वपूर्ण उम्मीदवार बनाता है. पार्टी अगर महिला और दलित कार्ड खेलने की योजना बनाती है, तो कांता कर्दम प्रदेश अध्यक्ष के रूप में एक अहम नाम हो सकती हैं.

बाबूराम निषाद
बाबूराम निषाद, जो राज्यसभा सांसद हैं, बुंदेलखंड क्षेत्र के एक प्रभावशाली नेता हैं. ओबीसी समाज से आने के कारण वे पार्टी के अंदर ओबीसी मतदाताओं को आकर्षित करने में मदद कर सकते हैं. उनकी राजनीतिक पहचान भी काफी मजबूत है, और वे इस चुनावी दंगल में एक संभावित उम्मीदवार के रूप में उभर रहे हैं.

प्रदेश अध्यक्ष पद की महत्वपूर्ण भूमिका
प्रदेश अध्यक्ष का पद भाजपा के लिए खास महत्व रखता है, क्योंकि यह राज्य की राजनीति और पार्टी की चुनावी रणनीति को तय करता है. खासकर, यूपी जैसे बड़े और महत्वपूर्ण राज्य में इस पद पर एक सक्षम और रणनीतिक नेता का होना पार्टी की सफलता के लिए जरूरी है. पार्टी को आगामी लोकसभा चुनावों और राज्य विधानसभा चुनावों में सफलता दिलाने के लिए संगठन की मजबूत रीति-नीति और समर्पण की जरूरत है.
जून 2024 से खाली है प्रदेश अध्यक्ष का पद
गौरतलब है कि जून 2024 में उत्तर प्रदेश में भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने इस्तीफा दे दिया था. तब से यह पद खाली पड़ा था, और अब प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव पार्टी की दिशा और आगामी चुनावों के लिए एक अहम मील का पत्थर साबित हो सकता है.
बीजेपी कार्यालय में चुनावी शेड्यूल की घोषणा
प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया में अब तेजी आ गई है. लखनऊ स्थित बीजेपी कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव का शेड्यूल और मतदाता सूची जारी कर दी गई है. इस सूची में विभिन्न क्षेत्रीय मंडलों जैसे बृज क्षेत्र, कानपुर क्षेत्र, अवध क्षेत्र, और गोरखपुर क्षेत्र के मतदाता शामिल हैं. अब, पार्टी के भीतर प्रदेश अध्यक्ष का चुनावी घमासान शुरू हो गया है और अगले कुछ दिनों में पार्टी को नया नेतृत्व मिल सकता है.
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