नोटबंदी के 9 साल बाद करोड़ों के पुराने नोट बरामद, तीन आरोपी गिरफ्तार, सामने आईं तस्वीरें

    नोटबंदी को भले ही नौ साल बीत चुके हों, लेकिन 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों का खेल अब भी जारी है. ताजा मामला मुरादाबाद के डिलारी थाना क्षेत्र का है, जहां पुलिस ने एक कार से दो बोरियों में भरे ₹1.5 करोड़ के पुराने नोट बरामद किए हैं.

    Three accused arrested with old Currency worth Rs 1.5 crore in Moradabad
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    Moradabad News: नोटबंदी को भले ही नौ साल बीत चुके हों, लेकिन 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों का खेल अब भी जारी है. ताजा मामला मुरादाबाद के डिलारी थाना क्षेत्र का है, जहां पुलिस ने एक कार से दो बोरियों में भरे ₹1.5 करोड़ के पुराने नोट बरामद किए हैं. इस सनसनीखेज मामले में एक पुलिसकर्मी विक्की गौतम सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि गिरोह के तीन सदस्य अब भी फरार हैं.

    करेंसी बंद धंधा फिर भी चालू

    जब डिलारी पुलिस ने एक संदिग्ध कार की तलाशी ली, तो कार की डिग्गी से प्लास्टिक की दो बोरियां मिलीं. इन बोरियों में ₹1000 के 76 बंडल 81 नोट और ₹500 के 146 बंडल 36 नोट ठूंसे गए थे. कुल मिलाकर पुराने नोटों की कीमत ₹1,49,99,000 निकली.

    बैंक वालों से मिलीभगत का दावा

    एसपी क्राइम सुभाष चंद्र गंगवार ने खुलासा किया कि पकड़े गए आरोपी रियाज, यासीन और विक्की गौतम एक संगठित गिरोह के सदस्य हैं, जो यह दावा कर रहे हैं कि कुछ बैंककर्मी अब भी पुराने नोट बदलने में मदद कर रहे हैं. पुलिस ने खुलासा किया कि इस गिरोह का काम बंटा हुआ था. फैसल पुराने नोटों को इकट्ठा करता था. रियाज और यासीन इन्हें स्टोर करते थे. सत्तार पुराने नोटों को कथित रूप से नए नोटों से बदल देता था. यूसुफ वितरण और नेटवर्किंग का काम देखता था. जानकारी के मुताबिक, सिर्फ 10% कमीशन पर खेल होता था यानी ₹1.5 करोड़ के बदले में ₹15 लाख के नए नोट दिए जाते थे.

    गिरफ्तार पुलिसकर्मी लंबे समय से गैरहाज़िर

    सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इस पूरे रैकेट में एक पुलिसकर्मी भी शामिल निकला. विक्की गौतम, जो सीतापुर में यूपी पुलिस में सिपाही है, काफी समय से ड्यूटी से नदारद था. अब वह गिरोह की गिरफ्तारी के साथ ही सलाखों के पीछे है.

    अब भी खुलासे बाकी हैं

    पुलिस का कहना है कि यह पूरा नेटवर्क कितना बड़ा है, इसकी तह तक जांच जारी है. खासतौर पर बैंककर्मियों की भूमिका को लेकर सवाल खड़े हो चुके हैं. अगर यह दावा सही है कि नोटबंदी के बाद भी बैंककर्मी पुराने नोट बदल रहे थे, तो यह मामला सिर्फ वित्तीय अपराध नहीं, बल्कि प्रणालीगत भ्रष्टाचार का संकेत है. एसपी सुभाष चंद्र गंगवार ने कहा कि "हम इस मामले में और भी गिरफ्तारियां करेंगे. गिरोह के फरार सदस्यों की तलाश जारी है. और अगर बैंककर्मियों की भूमिका सामने आती है, तो उन पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी."

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