साफ नदियां, हरे मैदान, बर्फ से ढकी चोटियां... जन्नत जैसा है हिमाचल का यह गांव, बनाएं ट्रिप का प्लान

    क्या आपको पता है कि हिमाचल में एक ऐसी जगह भी है, जहां न भीड़ होती है, न शोर, सिर्फ सुकून, हरियाली और बर्फ से ढके शांत पहाड़?

    This village of Himachal is like heaven Make a trip plan
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- X

    जब भी पहाड़ों की बात होती है, ज्यादातर लोग शिमला, मनाली या धर्मशाला जैसी जगहों का सपना देखते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि हिमाचल में एक ऐसी जगह भी है, जहां न भीड़ होती है, न शोर, सिर्फ सुकून, हरियाली और बर्फ से ढके शांत पहाड़? अगर आप वाकई भीड़ से बचकर किसी ऐसी जगह जाना चाहते हैं, जो स्विट्जरलैंड से भी कम नहीं लगती, तो आपको शांघड़ गांव जरूर देखना चाहिए.

    शांघड़: हिमाचल में सुकून भरा गांव

    शांघड़ गांव हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की सैंज वैली में बसा है. यह एक छोटा सा पहाड़ी गांव है, लेकिन इसकी खूबसूरती किसी पोस्टकार्ड से कम नहीं. हरे-भरे घास के मैदान, ऊंचे-ऊंचे देवदार के पेड़, बर्फ से लिपटी पहाड़ियां और आसपास की शांति सब कुछ आपको एक दूसरी ही दुनिया में ले जाता है. खास बात यह है कि यहां ज्यादा पर्यटक नहीं आते, इसलिए आप यहां शांति से प्रकृति का भरपूर आनंद ले सकते हैं.

    यहां क्या-क्या देख सकते हैं?

    शांघड़ घास के मैदान: यह जगह इतनी खुली और हरी-भरी है कि आपको लगेगा जैसे आप किसी फिल्म के सेट पर आ गए हों. यहां बैठकर बस आसमान और पहाड़ों को निहारना ही अपने आप में एक अनुभव है.

    मनु ऋषि मंदिर: यह एक बेहद प्राचीन मंदिर है, जो इस क्षेत्र की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान है.

    शंगचुल महादेव मंदिर: यहां के स्थानीय लोग इस मंदिर को बेहद पवित्र मानते हैं और ऐसा कहा जाता है कि शांघड़ की जमीन शंगचुल महादेव की भूमि है, जहां किसी भी प्रकार का झगड़ा या खून-खराबा मना है.

    बरशानगढ़ धरना: एक शांत और कम चर्चित स्थान, जहां आपको हिमाचल की अनछुई सुंदरता देखने को मिलेगी.

    क्या-क्या कर सकते हैं?

    • हाइकिंग और ट्रेकिंग: यहां कई सुंदर ट्रेल्स हैं, जो आपको आसपास के गांवों और पहाड़ियों तक ले जाती हैं. नेचर वॉक का आनंद यहां बेमिसाल है.
    • बर्ड वॉचिंग: सैंज वैली ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क का हिस्सा है, जहां आपको कई दुर्लभ पक्षी और जीव-जंतु देखने को मिल सकते हैं.
    • लोकल कैफे और होमस्टे का मज़ा: यहां के छोटे-छोटे कैफे और होमस्टे न सिर्फ खूबसूरत हैं, बल्कि बालकनी से आपको घाटी के शानदार नजारे भी देखने को मिलते हैं.

    शांघड़ कैसे पहुंचे?

    दिल्ली से दूरी: शांघड़ दिल्ली से करीब 500 किलोमीटर दूर है. आप बस, ट्रेन या प्राइवेट गाड़ी से यहां पहुंच सकते हैं. सफर में लगभग 10 घंटे लगते हैं.

    नजदीकी स्थान: अगर आप पहले से मनाली में हैं, तो शांघड़ महज 3 से 4 घंटे की दूरी पर है.

    यात्रा का सबसे अच्छा तरीका: दिल्ली से आप बस पकड़ कर औत (Aut) पहुंच सकते हैं. औत से शांघड़ के लिए टैक्सी या लोकल बस की सुविधा आसानी से मिलती है.

    कब जाएं?

    शांघड़ जाने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितंबर से नवंबर तक होता है. सर्दियों में यहां बर्फबारी का लुत्फ भी लिया जा सकता है, लेकिन कुछ रास्ते बंद हो सकते हैं.

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