तेल अवीव: इजरायल और हमास के बीच जारी संघर्ष के बीच 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमले के संबंध में गंभीर आरोप सामने आए हैं. विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और प्रत्यक्षदर्शी गवाहियों के अनुसार, उस दिन हमास के लड़ाकों द्वारा कई स्थानों पर यौन हिंसा और मानवीय अधिकारों के उल्लंघन की घटनाएं हुईं.
ब्रिटिश अखबार द टाइम्स की एक जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायल के नागरिकों और सैनिकों के खिलाफ व्यापक हिंसा के साक्ष्य सामने आए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, 7 अक्टूबर को हमास द्वारा किए गए हमले में करीब 1,200 इजरायली नागरिकों की मौत हुई थी. इसके साथ ही कुछ क्षेत्रों में कथित तौर पर यौन उत्पीड़न, महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और हत्या की घटनाएं भी रिपोर्ट की गईं हैं.
कई महिलाओं के साथ यौन अपराध
जांच में शामिल विशेषज्ञों और पीड़ितों के बयान के आधार पर बताया गया है कि हिंसा सिर्फ हत्या तक सीमित नहीं थी, बल्कि कई महिलाओं के साथ गंभीर यौन अपराध भी किए गए. रिपोर्ट में बताया गया है कि कई पीड़ितों को अर्धनग्न अवस्था में, हाथ-पैर बंधे हुए और गंभीर शारीरिक चोटों के साथ पाया गया. कुछ मामलों में हमलावरों ने पीड़ितों को जान से मारने से पहले या बाद में दुर्व्यवहार किया.
रिपोर्ट के सह-लेखक शारोन जगागी ने बताया कि इन अपराधों को सुनियोजित और एक रणनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया, जैसा पहले आईएसआईएस और बोको हराम जैसे आतंकी संगठनों के मामले में देखा गया था.
युद्ध जारी, हताहतों की संख्या में वृद्धि
वहीं दूसरी ओर, इजरायली सेना और हमास के बीच युद्ध जारी है. मंगलवार को इजरायली रक्षा बलों ने बताया कि उत्तरी गाजा में गश्त के दौरान एक विस्फोट में उनके पांच सैनिकों की मौत हो गई और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. बताया गया है कि जब बचाव बल घटनास्थल पर पहुंचे, तो उन पर भी गोलियां चलाई गईं.
गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि इजरायली हवाई हमलों में दो अलग-अलग जगहों पर कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई. एक हमला दक्षिणी गाजा के खान यूनिस में विस्थापित लोगों के शिविरों पर हुआ, जिसमें चार नागरिक मारे गए. एक अन्य हमले में एक परिवार – माता-पिता और उनके दो बच्चों – की जान चली गई.
मध्य गाजा के नुसेरत इलाके में अवदा अस्पताल ने जानकारी दी कि एक हमले में 10 लोगों की मौत हो गई और 72 अन्य घायल हुए.
युद्धविराम की कोशिशें
इन घटनाओं के बीच, अमेरिका समर्थित एक युद्धविराम प्रस्ताव पर विचार जारी है. दोनों पक्षों से बातचीत की संभावनाएं जताई गई हैं, लेकिन ताज़ा हिंसा और मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप इस प्रक्रिया को जटिल बना सकते हैं.
मानवाधिकार संगठनों ने सभी पक्षों से संयम बरतने, स्वतंत्र जांच कराने और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का पालन सुनिश्चित करने की अपील की है.
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