बाजार में लगातार दिख रहा 'ऑपरेशन सिंदूर' का असर, इन डिफेंस कंपनियों के शेयर चढ़े, ऑर्डर्स की लगी कतार

    पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हुए भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का असर सिर्फ सीमा पार नहीं, शेयर बाजार तक दिख रहा है.

    The effect of Operation Sindoor is continuously visible in the market
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    मुंबई: पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हुए भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का असर सिर्फ सीमा पार नहीं, शेयर बाजार तक दिख रहा है. भारतीय डिफेंस सेक्टर से जुड़ी कंपनियों के शेयरों ने बीते कुछ दिनों में जबरदस्त रफ्तार पकड़ी है. घरेलू डिफेंस इंडस्ट्री में आई यह तेजी सिर्फ भावनात्मक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि आने वाले समय की रणनीतिक निवेश संभावनाओं का संकेत है.

    शेयर बाजार में डिफेंस कंपनियों की रफ्तार

    पारस डिफेंस: 20% का अपर सर्किट लगाकर 1,817 रुपए पर बंद हुआ

    कोचीन शिपयार्ड: 13% की छलांग के साथ 2,047 रुपए तक पहुंचा

    मझगांव डॉक: 11% की मजबूती

    GRSE (गार्डन रीच शिप बिल्डर्स): 10% बढ़त के साथ 2,486 रुपए पर बंद

    निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स: कुल 6% की तेजी

    इनमें से कई कंपनियों ने पिछले 5 दिनों में ही 30–35% तक का शानदार रिटर्न दिया है.

    डिफेंस सेक्टर में भरोसे की बुनियाद

    ब्रोकरेज हाउस और विश्लेषकों का मानना है कि ये तेजी सिर्फ अस्थायी नहीं है. भारत की डिफेंस नीति, ‘मेक इन इंडिया’ अभियान, और निर्यात पर जोर ने इस सेक्टर को मजबूती दी है.

    • 8.45 लाख करोड़ रुपए के ऑर्डर्स FY27 तक अनुमानित
    • हाल ही में 54,000 करोड़ रुपए के रक्षा प्रोजेक्ट्स को डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (DAC) से मंजूरी मिली
    • देश में अब 65% डिफेंस प्रोडक्शन घरेलू स्तर पर हो रहा है
    • सरकार ने FY25 में 1.69 लाख करोड़ रुपए के ऑर्डर घरेलू कंपनियों को दिए हैं

    GRSE ने मुनाफे में रचा इतिहास

    गार्डन रीच शिप बिल्डर्स (GRSE) ने चौथी तिमाही में जबरदस्त प्रदर्शन किया है:

    • 118% की उछाल के साथ तिमाही प्रॉफिट 244 करोड़ रुपए
    • पूरे FY25 में 527 करोड़ रुपए का नेट प्रॉफिट, जो कि पिछले साल से 48% अधिक है
    • कंपनी के शेयर ने एक साल में 125% का रिटर्न दिया है

    डिफेंस एक्सपोर्ट में वैश्विक लीडर बनने का लक्ष्य

    भारत अब केवल आत्मनिर्भर डिफेंस की बात नहीं कर रहा, बल्कि निर्यात के जरिए वैश्विक बाजार में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है. FY25 में भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट रिकॉर्ड 23,622 करोड़ रुपए तक पहुंचा.

    बीते 10 सालों में 34 गुना की ग्रोथ

    सरकार का लक्ष्य: 2029 तक 3 लाख करोड़ रुपए के रक्षा उत्पादों और निर्यात का आंकड़ा छूना

    ब्रोकरेज की नजर में भविष्य की संभावनाएं

    एंटिक स्टॉक ब्रोकिंग का मानना है कि डिफेंस पीएसयू कंपनियों को 'मेक इन इंडिया' और निर्यात आधारित दृष्टिकोण से लॉन्ग टर्म में फायदा मिलने वाला है. खासकर शिपयार्ड सेक्टर में निवेशकों की रुचि अब टेम्पररी ट्रेडिंग मूव से कहीं ज्यादा दीर्घकालिक निवेश में बदल रही है.

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