जहां एक ओर दुनिया रूस-यूक्रेन और इजराइल-हमास जैसे संघर्षों से उबरने की कोशिश कर रही है, वहीं दक्षिण-पूर्व एशिया में एक नई जंग की आहट सुनाई देने लगी है. कंबोडिया और थाईलैंड के बीच का पुराना सीमा विवाद अब खुली झड़प में तब्दील हो गया है. हालिया घटनाओं में दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीधी गोलाबारी और रॉकेट हमले की पुष्टि हुई है.
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंबोडिया की ओर से BM-21 मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर से हमला किया गया, जिसमें थाईलैंड के एक प्रमुख गैस स्टेशन को निशाना बनाया गया. धमाका इतना तेज था कि आसपास की इमारतों के शीशे टूट गए और सड़कों पर अफरा-तफरी मच गई. बैंकॉक के कई इलाकों में सेना को अलर्ट पर रखा गया है, जबकि सीमा के पास तैनात सैनिक जान बचाने के लिए जमीन पर लेटे हुए नजर आए. खबर है कि रॉकेट हमले के बाद सेना ने इलाके को खाली करवाया और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में पहुंचाया गया.
2 मौतें और कई घायल, स्कूली बच्चों पर भी असर
हालांकि अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन अपुष्ट रिपोर्टों के मुताबिक इस संघर्ष में कम से कम 2 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, दर्जनों लोग घायल बताए जा रहे हैं जिनमें कई स्कूली बच्चे और आम नागरिक शामिल हैं. घायलों को इलाज के लिए सीमावर्ती अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. घटनास्थल के आसपास की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं.
पुराना विवाद, नई जंग?
कंबोडिया और थाईलैंड के बीच सीमा विवाद कोई नया नहीं है. खासतौर पर प्रेअह विहेअर मंदिर क्षेत्र को लेकर दोनों देशों के बीच कई बार तनाव बढ़ चुका है. हालांकि बीते वर्षों में शांतिपूर्ण वार्ताओं से मामला नियंत्रण में रहा, लेकिन हालिया टकराव से एक बार फिर हालात बिगड़ने लगे हैं. क्षेत्रीय सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह झड़प सिर्फ एक शुरुआत हो सकती है. अगर समय रहते राजनयिक बातचीत नहीं हुई, तो यह संघर्ष बड़े स्तर पर युद्ध में तब्दील हो सकता है.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका अहम
अब सवाल उठता है कि क्या ASEAN और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं इस मामले में हस्तक्षेप करेंगी? क्योंकि अगर यह विवाद और गहराया, तो इससे केवल इन दो देशों का ही नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र की स्थिरता पर असर पड़ सकता है.
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