'चीन से सस्ता माल खरीदने वाले', पाकिस्तान को PM मोदी पर कमेंट करना पड़ा भारी; तेजस्वी यूर्या ने लगाई लताड़

    जहां भारत ने ऑपरेशन 'सिंदूर' के बाद वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान की आतंकवाद-समर्थक छवि को उजागर करने के लिए 33 देशों में 7 उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजे, वहीं पाकिस्तान ने भी भारत की राह पर चलते हुए 5 देशों में डेलिगेशन भेजने की कवायद शुरू कर दी.

    Tejashwi Surya Remark To Bilawal singh bhutto over commenting on pm modi
    Image Source: Social Media

    जहां भारत ने ऑपरेशन 'सिंदूर' के बाद वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान की आतंकवाद-समर्थक छवि को उजागर करने के लिए 33 देशों में 7 उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजे, वहीं पाकिस्तान ने भी भारत की राह पर चलते हुए 5 देशों में डेलिगेशन भेजने की कवायद शुरू कर दी. लेकिन इस ‘नकल’ की रणनीति के बीच भी पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवादित बयान देकर माहौल गर्माने की कोशिश की.

    हालांकि, इस बार बिलावल को करारा जवाब भारत की तरफ से भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने दिया. उन्होंने पाकिस्तान की कथनी और करनी पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक ऐसे देश का शांति की बात करना, जिसने आतंक को अपनी विदेश नीति का हिस्सा बना रखा है, जैसे कोई शैतान धर्मग्रंथों की व्याख्या कर रहा हो.

    तेजस्वी सूर्या का करारा जवाब

    तेजस्वी सूर्या ने न्यूयॉर्क में भुट्टो के बयानों को आड़े हाथों लेते हुए कहा, बिलावल भुट्टो जिस प्रतिनिधिमंडल को 'शांति मिशन' बता रहे हैं, वो वास्तव में एक दिखावा है. पाकिस्तान की फौज और उसके नेता शांति की बात करते हैं, लेकिन हकीकत में आतंकवाद को संरक्षण देते हैं. उनके जनरल फील्ड मार्शल बनने के बाद भी हारते हैं, क्योंकि नायक बनने के लिए सिर्फ पद नहीं, चरित्र चाहिए होता है.

    “चीन से सस्ता माल, और युद्ध में फेल”

    सूर्या ने पाकिस्तान पर चीन से घटिया सैन्य सामग्री खरीदने को लेकर भी तंज कसा और कहा, “पाकिस्तान का अस्तित्व चीन के सस्ते इम्पोर्ट पर टिका है, जिनमें उनके फेल हो चुके हथियार भी शामिल हैं. युद्ध के मैदान में ये हथियार वैसे ही बेकार साबित हुए जैसे उनका नेतृत्व. शायद इसलिए पाकिस्तान को भारत का मजबूत लोकतांत्रिक नेतृत्व हजम नहीं होता.”

    भारत की पहल की नकल कर रहा पाकिस्तान

    भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के बाद शुरू की गई ग्लोबल आउटरीच रणनीति की देखा-देखी अब पाकिस्तान भी अपनी छवि सुधारने के लिए डेलिगेशन भेज रहा है. पाकिस्तान का 9 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल, जिसमें बिलावल भुट्टो जरदारी शामिल हैं, वर्तमान में न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन डीसी, लंदन और ब्रुसेल्स का दौरा कर रहा है. वहीं दूसरा प्रतिनिधिमंडल मास्को भेजा गया है. 

    इसके उलट, भारत ने 59 सांसदों, पूर्व राजनयिकों और विशेषज्ञों को मिलाकर 7 अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल 33 देशों में भेजे हैं. इनका उद्देश्य है – पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क, POK में मानवाधिकार हनन और भारत के सुरक्षा हितों को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मजबूती से रखना.

    बिलावल भुट्टो की पीएम मोदी पर टिप्पणी

    बिलावल भुट्टो ने एक बार फिर विवाद खड़ा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी "नेतन्याहू के टेमू वर्जन" की तरह हैं. उन्होंने भारत सरकार पर 'दुनिया के सबसे बुरे उदाहरणों' से प्रेरणा लेने का आरोप लगाया. लेकिन भुट्टो की ये आलोचना तब और भी निरर्थक लगती है जब वे खुद उस डेलिगेशन का हिस्सा हैं, जो भारत की रणनीति की हूबहू नकल कर रहा है.

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