मुगलों की कहानी खत्म! अब NCERT की किताबों में क्या पढ़ेंगे बच्चे? जानिए

    भारत की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की नई लहर दिखाई दे रही है. नैशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने कक्षा 7 के लिए समाज विज्ञान (Social Science) की नई पुस्तक प्रकाशित की है

    story of Mughals is over NCERT books
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    भारत की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की नई लहर दिखाई दे रही है. नैशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने कक्षा 7 के लिए समाज विज्ञान (Social Science) की नई पुस्तक प्रकाशित की है, जिसमें पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) और नैशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2023 (NCF 2023) के अनुरूप ढाला गया है. यह नया संस्करण न सिर्फ शैक्षणिक दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि इसमें ऐतिहासिक दृष्टिकोण को भी नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया गया है.

    मुगल इतिहास हटाकर भारतीय पहल पर ज़ोर

    नई किताब में अब दिल्ली सल्तनत और मुगल काल से जुड़े पुराने अध्यायों को हटा दिया गया है. इनकी जगह पर अब हाल ही में आई सोशल साइंस की नई किताब 'Exploring Society: India and Beyond' में छात्रों को भारत के प्राचीन राजवंशों जैसे मगध, मौर्य, शुंग और सातवाहन पर आधारित नई जानकारियां मिलेंगी. इसके साथ ही, ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’, ‘मेक इन इंडिया’, ‘महाकुंभ’, ‘अटल टनल’ और ‘चार धाम यात्रा’ जैसी समकालीन सरकारी पहलों और योजनाओं को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है.

    धार्मिक यात्राएं और सांस्कृतिक धरोहर का समावेश

    किताब में भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता को भी दर्शाया गया है. इसमें शक्ति पीठों, ज्योतिर्लिंगों और चारधाम जैसे तीर्थ स्थलों की यात्राओं का विवरण शामिल है. इन यात्राओं के माध्यम से यह समझाया गया है कि किस प्रकार से तीर्थयात्राएं न केवल आध्यात्मिक अनुभव देती हैं, बल्कि भूमि को भी पवित्र मानी जाती हैं. इसके अलावा, अन्य धर्मों की प्रमुख धार्मिक यात्राओं को भी पुस्तक में स्थान मिला है, जिससे समावेशी दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलता है.

    कोविड के बाद की पुनर्रचना और नई दिशा

    गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी के दौरान एनसीईआरटी द्वारा कई अध्यायों को अस्थायी रूप से हटाया गया था, जिसमें मुगल शासकों से संबंधित कंटेंट भी शामिल था. अब, नए पाठ्यक्रम में इन हटाए गए विषयों की जगह पर भारतीय संस्कृति, परंपराओं और सरकार की पहलों को प्राथमिकता दी गई है.

    किताब के दो भाग — दूसरा अभी आना बाकी

    एनसीईआरटी के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, यह किताब दो भागों में प्रकाशित हो रही है और फिलहाल केवल पहला भाग ही उपलब्ध है. पहले की तरह अब तीन किताबों की बजाय, समाज विज्ञान के लिए सिर्फ एक समेकित पुस्तक होगी, जो दो हिस्सों में बंटी होगी. इसलिए, पूर्ण मूल्यांकन के लिए दूसरे भाग के आने तक प्रतीक्षा करना उपयुक्त रहेगा.

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