गाजा में खाने के लिए मची भगदड़; 3 की मौत, कई घायल, इजराइली सैनिकों ने किया था हवाई फायर

    गाजा पट्टी में मानवीय संकट लगातार गहराता जा रहा है. मंगलवार को दक्षिणी शहर राफा में भोजन वितरण केंद्र पर उमड़ी भीड़ के बीच भगदड़ मच गई, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई और 46 से अधिक लोग घायल हो गए.

    Stampede for food in Gaza 3 dead
    Image Source: Social Media

    राफा (गाजा): गाजा पट्टी में मानवीय संकट लगातार गहराता जा रहा है. मंगलवार को दक्षिणी शहर राफा में भोजन वितरण केंद्र पर उमड़ी भीड़ के बीच भगदड़ मच गई, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई और 46 से अधिक लोग घायल हो गए. इसके अलावा, 7 लोग लापता बताए जा रहे हैं.

    स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह अफरा-तफरी उस वक्त शुरू हुई जब इजराइली सैनिकों ने हवा में चेतावनी के तौर पर फायरिंग की. हालांकि इजराइल का दावा है कि गोलीबारी भीड़ को नियंत्रित करने के इरादे से की गई थी. लेकिन स्थानीय प्रशासन और नागरिक समूह इसे एक सुनियोजित "मानवीय त्रासदी" बता रहे हैं.

    भूख बन रही जानलेवा, नियंत्रण बढ़ा रहा इजराइल

    गाजा में महीनों से खाद्य आपूर्ति बाधित है. 2 मार्च के बाद से गाजा में अनाज नहीं पहुंचा है, जिससे हजारों परिवार भुखमरी के कगार पर हैं. इस कारण अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ा और इजराइल ने हाल ही में सहायता पहुंचाने की अनुमति दी.

    लेकिन इस बार संयुक्त राष्ट्र नहीं, बल्कि अमेरिकी निजी एजेंसियों को गाजा में सहायता वितरण की जिम्मेदारी दी गई है. यह केंद्र इजराइली सेना की निगरानी में काम करेंगे, जिसे लेकर मानवाधिकार संगठनों ने गंभीर आपत्ति जताई है.

    GHF के जरिए सीमित मदद, UN ने दूरी बनाई

    गाजा में मदद के लिए अमेरिका ने गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (GHF) नामक संगठन को चुना है, जो स्विट्जरलैंड में पंजीकृत है और पूर्व अमेरिकी मरीन जेक वुड्स द्वारा संचालित है.

    हालांकि, संयुक्त राष्ट्र ने इस संगठन के साथ काम करने से साफ इनकार किया है. UN का कहना है कि यह न तो निष्पक्ष है, न ही पारदर्शी. GHF के सिर्फ 4 वितरण केंद्र खोले जाएंगे, जबकि UN के पास पहले से ही पूरे गाजा में 400 सेंटर हैं.

    हमास तैयार सीजफायर के लिए, इजराइल चुप

    एक नई पहल के तहत हमास ने अमेरिका के युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, जिसमें 10 बंधकों की रिहाई और 70 दिन की लड़ाई रोकने की बात है. यह प्रस्ताव ट्रम्प सरकार के पूर्व प्रतिनिधि स्टीव विटकॉफ ने पेश किया.

    हालांकि इजराइल ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. इससे पहले जनवरी में हुआ सीजफायर 18 मार्च को इजराइली हमलों के चलते टूट गया था.

    गाजा: एक तबाह होता भूगोल

    गाजा की 70% से ज्यादा बिल्डिंगें जमींदोज हो चुकी हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक:

    • 85% आबादी बेघर हो चुकी है.
    • 55,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.
    • पिछले एक हफ्ते में ही 500 से अधिक लोगों की जान गई है.

    इजराइल ने गाजा के 77% हिस्से पर नियंत्रण हासिल कर लिया है, और दावा किया है कि वह यह अभियान हमास को खत्म करने तक जारी रखेगा. हालांकि इजराइली सेना का कहना है कि उनके ऑपरेशन "टारगेटेड" हैं और आम नागरिकों की मौत हमास द्वारा आबादी में छिपे ढांचे की वजह से होती है.

    यह युद्ध नहीं, एक 'नस्लीय सफाई' है

    गाजा के मीडिया कार्यालय का कहना है कि इजराइल की कार्रवाइयां "नरसंहार और नस्लीय सफाई" के तहत आती हैं. उनका आरोप है कि बेबुनियाद बमबारी, जबरन विस्थापन और सहायता रोककर इजराइल फिलिस्तीनी समाज को systematically खत्म करने की कोशिश कर रहा है.

    कुपोषित बचपन, ध्वस्त भविष्य

    यूनिसेफ और WFP ने हाल ही में चेतावनी दी है कि गाजा के 96% बच्चे कुपोषण के शिकार हैं और अकाल की स्थिति बेहद निकट है. युद्ध न केवल वर्तमान को, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को भी खत्म कर रहा है.

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