यूपी के इस गांव में सांप के काटने पर नहीं होती किसी की मौत, वजह जान चौंक जाएंगे आप

    उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के एक छोटे से गांव परिखरा में एक अजीबो-गरीब बात सामने आई है. इस गांव के लोग दावा करते हैं कि यहां अब तक किसी भी व्यक्ति की सांप के काटने से मृत्यु नहीं हुई है.

    snake bite does not cause death in Parikhara village Ballia
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Internet

    बलिया: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के एक छोटे से गांव परिखरा में एक अजीबो-गरीब बात सामने आई है. इस गांव के लोग दावा करते हैं कि यहां अब तक किसी भी व्यक्ति की सांप के काटने से मृत्यु नहीं हुई है. यह बात सुनने में जितनी अविश्वसनीय लगती है, उतनी ही गांववाले इसे पूरे विश्वास के साथ मानते हैं. उनके अनुसार, यह किसी चमत्कार से कम नहीं, बल्कि एक रहस्य है, जिसे वे "नाग माता" की कृपा मानते हैं.

    परिखरा गांव की अद्भुत कहानी

    बलिया जिले के परिखरा गांव का नाम इस रहस्य के कारण चर्चा में है. इस गांव के बारे में बुजुर्गों का कहना है कि यहां सांप के जहर का असर नहीं होता. चंदेल वंश के वंशज जयप्रकाश नारायण सिंह बताते हैं कि इस गांव की कहानी रामवती देवी से जुड़ी हुई है, जिन्हें नाग माता के रूप में पूजा जाता है. रामवती देवी की मृत्यु के बाद यह विश्वास फैला कि अब इस गांव में कभी भी सांप के काटने से कोई नहीं मरेगा.

    रामवती देवी की संजीवनी भरी चेतावनी

    रामवती देवी, जिन्हें नाग माता के नाम से जाना जाता है, एक दिन अपने घर से अनाज निकालने के लिए बाहर गईं थी. उसी दौरान उन्हें एक सांप ने डस लिया, जिससे उनकी मृत्यु हो गई. लेकिन मृत्यु से पहले उन्होंने अपने गांववालों से यह कह दिया कि, "आज के बाद इस गांव में सांप के काटने से किसी की मृत्यु नहीं होगी." यह आशीर्वाद गांववालों के लिए एक वरदान की तरह साबित हुआ और आज तक इस गांव में किसी भी व्यक्ति की सांप के काटने से मृत्यु नहीं हुई.

    गांव में सांप को मारना है मना

    गांववालों का मानना है कि नाग माता की कृपा से यहां के लोग सुरक्षित हैं. इस विश्वास के तहत, परिखरा गांव में कोई भी सांप को नहीं मारता है. गांववाले उन्हें पकड़कर एक खास तरीके से सुरक्षित बाहर छोड़ देते हैं. वे एक रुपए के सिक्के से गोला बनाकर सांप को उसमें बांध देते हैं, जिससे सांप भाग नहीं पाता और उसे बिना नुकसान के बाहर छोड़ दिया जाता है.

    नाग माता की पूजा और परंपरा

    गांव में नाग माता की पूजा का महत्व बहुत ज्यादा है. पहले इस पूजा का आयोजन चंदेल वंश के घर में होता था, लेकिन अब यह पूजा गांव के शिवाला में की जाती है. गांववालों के अनुसार, नाग माता के आशीर्वाद से इस गांव में कभी किसी को सांप के काटने से कोई नुकसान नहीं हुआ है. इस पूजा का महत्व केवल गांववासियों के लिए नहीं है, बल्कि जिन लोग गांव छोड़कर अन्य स्थानों पर रहते हैं, वे भी शादी-ब्याह के अवसरों पर नाग माता की पूजा करने लौटते हैं.

    जहर नहीं करता असर

    गांव के दयानंद मिश्रा (65 वर्ष) बताते हैं कि उन्होंने अपनी जिंदगी में कभी भी परिखरा गांव में सांप के काटने से किसी की मृत्यु की खबर नहीं सुनी. यह गांव 1600 बीघा के क्षेत्र में फैला हुआ है, और इस पूरे क्षेत्र में सांप के काटने से कोई भी नहीं मरा है. गांववाले यह मानते हैं कि नाग माता की कृपा से सांप का जहर असर नहीं करता. नवनीत कुमार मिश्रा जैसे स्थानीय लोग भी इस बात को सच्चाई मानते हैं और कहते हैं कि नाग माता के आशीर्वाद से सांप के काटने के बाद उसके जहर का कोई असर नहीं होता. 

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