नकली देश, फर्जी राजदूत... गाजियाबाद में युवक चला रहा था अवैध दूतावास, फर्जीवाड़े की कहानी सुन रह जाएंगे सन्न

    Harshvardhan Jain Fraud: गाजियाबाद के कविनगर में एक आलीशान कोठी में एक फर्जी दूतावास का संचालन हो रहा था, जिसमें चार काल्पनिक देशों के नाम पर लोगों को गुमराह किया जा रहा था.

    Harshvardhan Jain Fraud Embassy of 4 fictitious countries busted in Ghaziabad
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    Harshvardhan Jain Fraud: गाजियाबाद के कविनगर में एक आलीशान कोठी में एक फर्जी दूतावास का संचालन हो रहा था, जिसमें चार काल्पनिक देशों के नाम पर लोगों को गुमराह किया जा रहा था. इन देशों का नाम था- West Arctica, Saborga, Poulvia, और Lodonia. ये सभी देश असल में मौजूद नहीं थे, मगर इनका दूतावास गाजियाबाद में सक्रिय था. यह पूरी कहानी उस वक्त सामने आई, जब पुलिस ने इस फर्जी दूतावास की छानबीन की और असलियत का खुलासा किया.

    हर्षवर्धन जैन का छल

    यह फर्जी दूतावास गाजियाबाद के रहने वाले हर्षवर्धन जैन द्वारा चलाया जा रहा था, जिसका मुख्य उद्देश्य बेरोजगारों को विदेश भेजने के नाम पर उनसे ठगी करना था. हर्षवर्धन खुद को इन काल्पनिक देशों का एम्बेसडर और कौंसुल बताता था, और अपने मंसूबों को सफल बनाने के लिए उसने एक आलीशान कोठी किराए पर ली थी. इस दूतावास में वो बेरोजगार युवाओं को आकर्षित करता और उन्हें विदेश भेजने के नाम पर मोटी रकम वसूलता.

    धोखाधड़ी का तरीका

    हर्षवर्धन का तरीका बेहद चालाक था. उसने अपनी कोठी में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ अपनी मॉर्फ की गई तस्वीरें लगाकर यह जताने की कोशिश की थी कि वह एक प्रतिष्ठित और प्रभावशाली व्यक्ति है. लोगों को विश्वास दिलाने के लिए उसने लग्जरी कारों में फर्जी डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट्स भी लगा रखी थीं. इन सब से वह लोगों को यह विश्वास दिलाता था कि वह वाकई किसी बड़े पद पर है, और यही तरीका उसे धोखाधड़ी के लिए सफलता दिला रहा था.

    पुलिस की कार्रवाई और बरामदगी

    हालांकि, अब हर्षवर्धन पुलिस की गिरफ्त में है. उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने छापेमारी के दौरान हर्षवर्धन की कोठी से चार लग्जरी कारें, फर्जी डिप्लोमैटिक पासपोर्ट, कूटरचित दस्तावेज, विदेशी मुद्रा, और विभिन्न देशों की 34 मोहरें बरामद की हैं. पुलिस ने यह भी खुलासा किया है कि हर्षवर्धन शेल कंपनियों के जरिए हवाला रैकेट चला रहा था और इसके तार विदेशी अपराधियों से जुड़े हो सकते हैं.

    हवाला रैकेट और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन्स

    हर्षवर्धन का नेटवर्क केवल भारत तक सीमित नहीं था. वह फर्जी दस्तावेज और डिप्लोमैटिक पासपोर्ट के जरिए विदेशों में लोगों को धोखा देकर हवाला रैकेट चला रहा था. एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह एक संगठित अपराध था और अब इसकी अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन्स की भी जांच की जा रही है. हर्षवर्धन के अवैध कारोबार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरे में डाल दिया था.

    कानूनी कार्रवाई और आगे की जांच

    हर्षवर्धन के खिलाफ कविनगर थाने में भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसके तहत धोखाधड़ी, जालसाजी और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने के आरोप शामिल हैं. पुलिस अब हर्षवर्धन से पूछताछ कर रही है और उसके नेटवर्क के अन्य सदस्य और हवाला रैकेट के अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन्स की जांच जारी है.  

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