भारतीय महिला क्रिकेट की सबसे चमकदार रोशनियों में से एक, स्मृति मंधाना ने बुधवार को Amazon SmBhav Summit में अपने दिल की बेहद निजी बातें साझा कीं. मैदान पर हमेशा मुस्कुराती दिखने वाली स्मृति के भीतर कितनी आग, कितनी संवेदनाएँ और कितनी लड़ाइयाँ छिपी हैं. यह उन्होंने खुद अपने शब्दों में बताया. उनकी कहानी सिर्फ runs और records की नहीं, बल्कि जुनून, टूटन, संघर्ष और फिर से खुद को खड़ा कर लेने की कहानी है.
स्मृति ने खुलकर कहा कि क्रिकेट उनके लिए कभी ‘कैरियर’ नहीं था, यह उनकी सांसों जैसा था. बचपन से ही गेंद और बल्ले के अलावा कोई और चीज उन्हें नहीं खींच पाती थी. उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, मेरे अंदर बल्लेबाज़ी का जुनून बचपन से भरा हुआ था. लोग समझते थे कि यह एक शौक है, लेकिन मेरे लिए यह पूरी दुनिया थी. मैं सिर्फ एक ही सपना देखती थी—वर्ल्ड चैंपियन बनने का. उनके परिवार ने भी इस आग को और हवा दी. घंटों अभ्यास, अनगिनत मैच और लगातार सुधार ने उन्हें वह खिलाड़ी बना दिया जिसे आज पूरी दुनिया पहचानती है.
2013 से आज तक—उतार-चढ़ाव भरी यात्रा, पर जुनून कभी नहीं बदला
2013 में इंटरनेशनल डेब्यू के बाद स्मृति का सफर बिल्कुल आसान नहीं रहा. चोटें लगीं, फॉर्म गया, आलोचनाएँ सुननी पड़ीं, लेकिन एक चीज कभी नहीं टूटी—भारत की जर्सी के लिए उनका प्यार. उन्होंने कहा, दुनिया में मेरे लिए इससे बड़ा कोई एहसास नहीं है कि मैं ‘इंडिया’ की जर्सी पहनती हूँ. चाहे कितना भी मुश्किल समय हो, बस यही भावना मुझे फिर से संभाल लेती है.
She is a brave girl , she is come out of all things completely, just listen to her, she only cares about the country not anyone else, quedos to @mandhana_smriti @BCCIWomen pic.twitter.com/nycKUNrVd0
— vipul kashyap (@kashyapvipul) December 10, 2025
वर्ल्ड कप की जीत सालों की मेहनत, आँसू और जुनून का नतीजा
महिलाओं के क्रिकेट में भारत के लिए वर्ल्ड कप जीतना एक सपने जैसा पल था. इस मैच की यादें बताते हुए स्मृति की आवाज़ भावुक हो गई. उन्होंने कहा, फाइनल से पहले हम सबने अपने दिमाग़ में जीत का वह पल कई बार दोहराया था. लेकिन जब स्क्रीन पर सचमुच ‘India Wins’ लिखा आया… वह पल हमें अंदर तक हिला गया. पूरे शरीर में रोंगटे खड़े हो गए. उन्होंने आगे बताया कि जीत को और बड़ा बना दिया जब स्टेडियम में मिथाली राज और झूलन गोस्वामी की आँखों से खुशी के आँसू बहते देखे. हमने उनके लिए भी यह जीत चाही थी,” स्मृति बोलीं. उनकी सबसे बड़ी सीख यही रही पिछली पारी कितनी भी बड़ी क्यों न हो, क्रिकेट आपको हर बार फिर से शून्य पर खड़ा कर देता है.
निजी जीवन की उथल-पुथल, लेकिन क्रिकेट उनकी ताकत बना
समिट के दौरान स्मृति ने पहली बार अपनी निजी जिंदगी पर चुप्पी तोड़ी. हाल ही में उन्होंने संगीतकार पलाश मुच्छल के साथ अपनी शादी टूटने की पुष्टि की थी. लेकिन उन्होंने साफ कहा कि निजी मुश्किलों ने उनके खेल को कभी प्रभावित नहीं किया. स्मृति ने दृढ़ता से कहा,जिंदगी में चाहे कुछ भी चल रहा हो, क्रिकेट मेरे लिए हमेशा एक सुरक्षित जगह रहा है. यही मुझे मजबूत बनाता है, यही मुझे आगे बढ़ाता है.
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