लखनऊ के बेटे, अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 41 दिनों बाद अपने शहर लौटे. अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर लगभग 18 दिन बिताने के बाद शुभांशु ने घर आकर परिवार और अपने शहरवालों का दिल जीत लिया. उनके साथ उनकी पत्नी कामना और 6 साल के बेटे किआंश भी मौजूद थे. एयरपोर्ट पर उत्साही स्कूली बच्चों ने एस्ट्रोनॉट के रूप में उनका स्वागत किया, जो एक भावनात्मक पल था.
हजारों लोगों ने किया तिरंगे के साथ स्वागत
डिप्टी मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने एयरपोर्ट पर शुभांशु का गर्मजोशी से स्वागत किया. हजारों लोगों ने तिरंगा लेकर एयरपोर्ट पर उनकी मौजूदगी में भारत माता की जय के नारे लगाये. ढोल-नगाड़ों की थाप के बीच शुभांशु थार जीप में सवार होकर रोड शो के लिए निकले. लगभग 10 किलोमीटर की यात्रा के बाद उन्होंने अपने बचपन के स्कूल में कदम रखा, जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया.
भावुक हुआ परिवार, मां की आंखों में छलके आंसू
स्कूल कार्यक्रम के दौरान शुभांशु की मां और बहन को मंच पर बुलाया गया. मां आशा शुक्ला ने बेटे को गले लगाते हुए अपनी भावनाएं व्यक्त कीं और रो पड़ीं. शुभांशु भी भावुक नजर आये. छात्रों ने उनसे उनकी ट्रेनिंग के दौरान हुई असफलताओं के बारे में सवाल किए, जिस पर शुभांशु ने धैर्य और आत्मविश्वास के साथ जवाब दिया.
पत्नी कामना को लेकर खास बातचीत
कार्यक्रम में सिटी मॉन्टेसरी स्कूल की चेयरपर्सन ने शुभांशु की पत्नी कामना से पूछा कि उन्होंने अपने पति को क्यों चुना? इस पर वह शरमाने लगीं. इसके बाद शुभांशु ने जवाब दिया. कहा- मुझे लगता है कि कामना के पास यूनिक टैलेंट है. वह बहुत विजनरी हैं. उन्हें पता रहता है कि कौन-सी चीज आगे चलकर काम करेगी. शुभांशु के इतना कहते ही हॉल तालियों से गूंज उठा. कामना भी हंस पड़ीं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विशेष स्वागत
स्कूल कार्यक्रम के बाद शुभांशु अपनी पत्नी और बेटे के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री ने उन्हें गेट पर आकर रिसीव किया. यूपी सरकार की ओर से लोकभवन में शुभांशु के सम्मान में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया.
अंतरिक्ष यात्रा का संक्षिप्त परिचय
शुभांशु शुक्ला ने Axiom-4 मिशन के तहत 20 दिन तक ISS पर रहकर देश का नाम गौरवान्वित किया. वे 15 जुलाई 2025 को धरती पर लौटे और 17 अगस्त को भारत पहुंचे. 18 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी उनकी मुलाकात हुई. लगभग 18 महीने बाद वे अपने शहर लखनऊ लौटे, जहां उनके घर के आस-पास की गलियों का नवीनीकरण कर स्वागत तैयार किया गया.
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