तेहरानः जब एक देश अपनी दुश्मनी निकालने के लिए परंपरागत सेनाओं की जगह संगठित अपराधी गिरोहों का सहारा लेने लगे, तो ये सिर्फ सुरक्षा संकट नहीं, बल्कि एक नई किस्म की 'हाइब्रिड वॉरफेयर' बन जाती है. ईरान ने अब इसी राह पर कदम रख दिया है.
स्वीडन के सरकारी ब्रॉडकास्टर SVT की नई डॉक्यूमेंट्री ने चौंकाने वाला खुलासा किया है—ईरानी खुफिया एजेंसियां अब यूरोप के कुख्यात अपराधी गैंग्स को टारगेट्स की लिस्ट और फंडिंग सौंप रही हैं. मकसद साफ है: उन लोगों, संस्थानों और ठिकानों को खत्म करना जिन्हें ईरान अपना दुश्मन मानता है.
‘गैंगवार डिप्लोमेसी’ का पर्दाफाश
SVT की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान की खुफिया इकाइयों ने स्वीडन के सबसे खतरनाक गैंग लीडर रावा माजिद (जिसे ‘कुर्दिश फॉक्स’ कहा जाता है) से संपर्क किया. माजिद Foxtrot गैंग का सरगना है—एक ऐसा नेटवर्क जो स्वीडन में बम धमाकों, शूटआउट और किशोर उम्र के बच्चों के जरिए हत्याओं के लिए कुख्यात है.
2023 की शुरुआत में माजिद जब ईरान गया, तो उसे दो विकल्प दिए गए: या तो जेल, या फिर ईरानी मिशन पर काम करना. उसने दूसरा विकल्प चुना. उसका पहला टारगेट बना—स्टॉकहोम में स्थित इजरायली एंबेसी, जिस पर ग्रेनेड से हमला किया गया. हालांकि ग्रेनेड नहीं फटा, लेकिन ईरानी रणनीति की दिशा सबके सामने आ गई.
अब निशाने पर हैं मीडिया, दूतावास और धार्मिक स्थल
ईरान के मुख्य टारगेट्स में सबसे पहला नाम है लंदन से संचालित फारसी न्यूज़ चैनल ‘ईरान इंटरनेशनल’, जो लंबे समय से तेहरान सरकार की आलोचना करता रहा है. इसके पत्रकार पहले ही निगरानी, साइबर हमलों और धमकियों का शिकार हो चुके हैं, लेकिन अब ईरान सीधे गैंगस्टरों के ज़रिए उन पर फिजिकल हमले करवाने की तैयारी कर रहा है. इसके अलावा इजरायली दूतावास, यूरोपीय देशों में मौजूद यहूदी धार्मिक स्थल (जैसे Synagogues) और अन्य राजनयिक ठिकाने भी इस डेंजर लिस्ट में शामिल हैं.
लॉरेंस बिश्नोई से भी बड़ा नेटवर्क
भारत में जिस तरह लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नेटवर्क की बात होती है, उसी मॉडल को ईरान अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक्सपोर्ट कर रहा है. फर्क इतना है कि जहां लॉरेंस के नेटवर्क में लगभग 700 शूटर शामिल बताए जाते हैं, वहीं स्वीडन में 14,000 से अधिक लोग सीधे क्रिमिनल गैंग्स से जुड़े हैं, और लगभग 48,000 लोग अप्रत्यक्ष रूप से इनके संपर्क में हैं. यह केवल किसी एक गैंगस्टर की कहानी नहीं, बल्कि एक पूरे ट्रांसनेशनल अंडरवर्ल्ड नेटवर्क की बात है, जिसका अब इस्तेमाल राजनीतिक एजेंडे के लिए हो रहा है.
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