भारत के एक्शन से बौखलाया पाकिस्तान, भागे-भागे ISI मुख्यालय पहुंचे शहबाज शरीफ, जानें क्या हुआ?

    भारत के एक्शन के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को आईएसआई मुख्यालय पहुंचकर वहां चल रही सैन्य तैयारियों का जायजा लिया. इस दौरान उनके साथ विदेश मंत्री इशाक डार, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद थे.

    Shahbaz Sharif visit ISI headquarter india pakistan tension
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Internet

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते एक बार फिर तल्ख मोड़ पर पहुंच गए हैं. 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या और 17 के घायल होने की घटना ने न सिर्फ भारत को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि सरकार को पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए मजबूर भी कर दिया है. जहां भारत बदला लेने की रणनीति पर तेजी से काम कर रहा है, वहीं पाकिस्तान परमाणु हमले की गीदड़भभकियों के सहारे खुद को घिरा हुआ महसूस कर रहा है. 

    ISI मुख्यालय पहुंचे शहबाज शरीफ

    भारत के एक्शन के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को आईएसआई मुख्यालय पहुंचकर वहां चल रही सैन्य तैयारियों का जायजा लिया. इस दौरान उनके साथ विदेश मंत्री इशाक डार, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद थे. बैठक में उन्हें हाइब्रिड वॉरफेयर, पारंपरिक युद्ध की संभावनाएं और आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ी खुफिया जानकारी दी गई. यह बैठक ऐसे समय हुई है जब पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर खासतौर पर यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में मुंह की खानी पड़ी है.

    7 मई को भारत का बड़ा सैन्य अभ्यास

    भारत ने हमले के बाद न केवल सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया, बल्कि पाकिस्तानी नागरिकों के वीज़ा रद्द करने और व्यापारिक संबंध खत्म करने जैसे कड़े कदम भी उठाए हैं. अब खबर है कि भारतीय वायुसेना 7 मई को पाकिस्तान सीमा के नज़दीक बड़ा युद्धाभ्यास करने जा रही है. इसके लिए NOTAM (Notice to Airmen) भी जारी कर दिया गया है.

    भारत के कई शहरों में होगी मॉक ड्रिल

    भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र देशभर में सतर्कता के स्तर को बढ़ाया गया है. इसी के तहत गृह मंत्रालय ने एक अहम कदम उठाते हुए 7 मई, बुधवार को देश के 244 जिलों में व्यापक मॉक ड्रिल आयोजित करने का फैसला लिया है. इस अभ्यास का मकसद नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों, विशेष रूप से हवाई हमलों, से निपटने के लिए तैयार करना है.

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