भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य टकराव के बाद जब सीमाओं पर शांति लौटने लगी है. तनाव के बीच पाकिस्तान लगातार यह दावा करता रहा कि भारतीय हमले उसके सैन्य प्रतिष्ठानों को नुकसान नहीं पहुंचा सके, वहीं ताजा सैटेलाइट इमेज ने उसके इन दावों को झुठला दिया है. इन उपग्रह चित्रों से यह साफ़ हो गया है कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए सटीक और योजनाबद्ध हमलों ने पाकिस्तान के कई प्रमुख एयरबेसों को रणनीतिक रूप से पंगु बना दिया है. अब यह सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिक और कूटनीतिक दबाव की मिसाल बन चुकी है.
नूर खान एयरबेस
चीन की सैटेलाइट इमेजिंग कंपनी मिजाजविजन द्वारा जारी की गई तस्वीरों में पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस पर हुए व्यापक नुकसान को साफ देखा जा सकता है. यह एयरबेस न केवल रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, बल्कि यह रावलपिंडी स्थित सेना मुख्यालय के बेहद करीब भी है. इमेज में ध्वस्त इंफ्रास्ट्रक्चर, क्षतिग्रस्त ग्राउंड सपोर्ट व्हीकल और खंडहर जैसी स्थिति साफ दर्शाई गई है.

जैकबाबाद और भोलारी भी नष्ट
भारतीय एयरोस्पेस कंपनी कावास्पेस द्वारा जारी तस्वीरों में जैकबाबाद और भोलारी एयरबेसों की हालत भी उजागर की गई है. जैकबाबाद के मुख्य एप्रन क्षेत्र पर हैंगर पूरी तरह से नष्ट हो चुका है, और एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) भवन को भी नुकसान पहुंचने की संभावना जताई गई है. वहीं, भोलारी एयरबेस की तस्वीरें एक क्षतिग्रस्त हैंगर और मलबे के ढेर को दर्शा रही हैं.

रणनीतिक नुकसान, मनोवैज्ञानिक दबाव
इन हमलों ने पाकिस्तान की सिर्फ भौतिक संरचना को ही नहीं, बल्कि उसकी हवाई सुरक्षा और मनोबल को भी गहरी चोट दी है. इन हमलों के बाद पाकिस्तान अब किसी भी प्रकार की आक्रामकता दिखाने से पहले सौ बार सोचेगा. भारत की सैन्य क्षमता और सटीक हमले यह दर्शाते हैं कि वह अब सिर्फ रक्षात्मक मुद्रा में नहीं, बल्कि प्रत्युत्तर देने में भी सक्षम और इच्छुक है.
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