न सुखोई जला, न S-400 को खरोंच आई.. पाकिस्तान का प्रोपेगेंडा हुआ धराशायी, सैटेलाइट तस्वीरों से खुली पोल-पट्टी

    पाकिस्तान के भारतीय वायुसेना ठिकानों पर कथित हमलों के हवा हवाई दावे इस बार पूरी तरह पानी में गिर गए हैं. सेटेलाइट इमेजरी और विशेषज्ञों की पड़ताल में यह साबित हो गया है कि पाकिस्तान ने जो तस्वीरें और जानकारी पेश की थीं, वे न केवल संदिग्ध थीं बल्कि उनमें बड़े स्तर पर छेड़छाड़ भी की गई थी.

    Satellite imagery reveals Pakistan attack claims Operation Sindoor
    Image Source: Social Media

    नई दिल्ली: पाकिस्तान के भारतीय वायुसेना ठिकानों पर कथित हमलों के हवा हवाई दावे इस बार पूरी तरह पानी में गिर गए हैं. सेटेलाइट इमेजरी और विशेषज्ञों की पड़ताल में यह साबित हो गया है कि पाकिस्तान ने जो तस्वीरें और जानकारी पेश की थीं, वे न केवल संदिग्ध थीं बल्कि उनमें बड़े स्तर पर छेड़छाड़ भी की गई थी. विशेषज्ञ डेमियन साइमन की रिपोर्ट ने खुलासा किया कि पाकिस्तान द्वारा जारी की गई तस्वीरें या तो पुरानी थीं या फिर फोटोशॉप की गई थीं, जिनसे भारत को नुकसान पहुंचाने का दुष्प्रचार किया गया.

    सुखोई-30MKI पर साइमन ने क्या बताया?

    पाकिस्तान समर्थक सोशल मीडिया पर खूब प्रचारित की गईं आदमपुर एयरबेस की तस्वीरों को साइमन ने खारिज किया. उन्होंने बताया कि जिस विमान को सुखोई-30MKI बताया गया था, वह असल में मिग-29 था और जो जलने के निशान दिखाए गए थे, वे असल में इंजन की कालिख थीं, बमबारी का कोई प्रभाव नहीं था.

    S-400 को लेकर भी फैलाया झूठ

    इसी तरह गुजरात के भुज एयरबेस पर एस-400 मिसाइल प्रणाली के नुकसान का जो दावा किया गया था, वह भी गलत निकला. साइमन के अनुसार, तस्वीरों में दिख रहे धब्बे असल में तेल के थे, मिसाइल विस्फोट के नहीं. नलिया एयरबेस की रनवे तस्वीर में जो ‘झुलसा’ क्षेत्र दिखाया गया था, वह बादलों की छाया मात्र थी, कोई नुकसान नहीं था.

    श्रीनगर एयरपोर्ट की धुंधली तस्वीरों के आधार पर नुकसान का जो प्रचार हुआ, उसे भी सेटेलाइट की हाई-रेजोल्यूशन तस्वीरों ने बेनकाब कर दिया. जम्मू एयरपोर्ट की तस्वीरों में दिखाए गए काले धब्बे भी डिजिटल तौर पर जोड़े गए थे.

    पीएम मोदी का दौरा बना सबूत

    इस पूरी स्थिति में सबसे बड़ा सबूत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आदमपुर एयरबेस का दौरा है, जो ऑपरेशन सिंदूर के तुरंत बाद हुआ. यदि वहां कोई गंभीर नुकसान होता, तो प्रधानमंत्री का ऐसा दौरा संभव नहीं होता. उनकी मौजूदगी ने पाकिस्तान के झूठे दावों को पूरी तरह नकार दिया.

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