ब्रह्मोस मिसाइल पर रूसी राजनयिक का बड़ा ऐलान, SU-57 पर भी दिया अपडेट, पाकिस्तान की बढ़ेगी टेंशन!

    भारत में रूसी दूतावास के मिशन डिप्टी चीफ रोमन बाबुश्किन ने भारत-रूस के संबंधों पर एक अहम बयान देते हुए ब्राह्मोस मिसाइल की प्रशंसा की है और इसे भारत की सैन्य क्षमता को मजबूत करने वाला एक प्रमुख हथियार बताया है.

    Russian diplomat makes big announcement on BrahMos missile
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    नई दिल्ली/मॉस्को: भारत और रूस के बीच दशकों पुराने सामरिक और रक्षा सहयोग को लेकर एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है. भारत में रूसी दूतावास के मिशन डिप्टी चीफ रोमन बाबुश्किन ने भारत-रूस के संबंधों पर एक अहम बयान देते हुए ब्राह्मोस मिसाइल की प्रशंसा की है और इसे भारत की सैन्य क्षमता को मजबूत करने वाला एक प्रमुख हथियार बताया है.

    उन्होंने यह भी कहा कि ब्राह्मोस मिसाइल में भविष्य में कई उन्नयन (अपग्रेड) संभव हैं, जिससे इसकी मारक क्षमता और रणनीतिक उपयोगिता और भी बढ़ सकती है. भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई यह सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल पहले ही कई अवसरों पर अपनी ताकत का प्रदर्शन कर चुकी है, और हाल ही में मई 2025 में पाकिस्तान के साथ तनाव के दौरान इसकी क्षमताओं ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यह मिसाइल भारत की सुरक्षा नीति में एक बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.

    भारत-रूस रक्षा सहयोग का प्रतीक ब्राह्मोस

    रूसी राजनयिक रोमन बाबुश्किन ने अंतरराष्ट्रीय समाचार चैनल WION से बातचीत में कहा कि भारत-रूस के बीच जो रक्षा सहयोग है, वह दुनिया के कई देशों के लिए एक मिसाल है. उन्होंने ब्राह्मोस को "रणनीतिक मानकों में उन्नयन योग्य और उन्नत रक्षा साझेदारी" का एक शानदार उदाहरण बताया.

    उन्होंने कहा कि, "हम भारत के साथ आधुनिक हथियारों के क्षेत्र में सहयोग को और अधिक गहरा करना चाहते हैं. रूस के पास युद्ध के क्षेत्र में आधुनिक अनुभव हैं और हम इन अनुभवों को भारत के साथ साझा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं."

    फाइटर जेट से लेकर लाइसेंस उत्पादन तक सहयोग

    बाबुश्किन ने आगे कहा कि रूस ऐसा एकमात्र देश है जो भारत के साथ अत्याधुनिक हथियारों का संयुक्त उत्पादन कर रहा है. इसमें पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान (5th Gen Fighter Jets), उनके कलपुर्जे और अन्य तकनीकी उपकरण शामिल हैं.

    उन्होंने कहा, "हम न केवल हथियारों की आपूर्ति करते हैं, बल्कि उन्हें भारत में लाइसेंस के तहत उत्पादन और संयुक्त निर्माण के माध्यम से भारत की रक्षा स्वदेशीकरण नीति में भी सहयोग कर रहे हैं. यह सब हमारे दीर्घकालिक विश्वास और रणनीतिक साझेदारी की वजह से संभव हुआ है."

    ब्राह्मोस: पाकिस्तान के लिए बड़ी चुनौती

    ब्राह्मोस मिसाइल की रेंज, सटीकता और स्पीड ने इसे एक ऐसा हथियार बना दिया है जिससे किसी भी दुश्मन देश को खतरा महसूस हो सकता है, खासकर पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देश को.

    विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि भारत इस मिसाइल को और अधिक उन्नत करता है, तो यह पाकिस्तान की रक्षा नीति और रणनीति के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है. ब्राह्मोस का प्रयोग युद्धकाल में तेजी से, कम समय में लक्ष्य भेदने के लिए किया जा सकता है, जो इसकी सबसे बड़ी ताकत है.

    पुतिन की भारत यात्रा की संभावनाएं

    रोमन बाबुश्किन ने बताया कि वर्ष 2025 के अंत तक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा की संभावनाएं हैं. यह यात्रा भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी की 15वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो सकती है.

    उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच न केवल रक्षा बल्कि आर्थिक, तकनीकी और श्रमिक क्षेत्र में भी गहरा सहयोग विकसित हो रहा है. रूस को कुशल श्रमिकों की आवश्यकता है, जबकि भारत के पास पर्याप्त मानव संसाधन है. यह सहयोग दोनों देशों की अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी साबित हो सकता है.

    रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की मौजूदगी

    हाल ही में रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती का मामला काफी चर्चा में रहा है. कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, इस समय 27 भारतीय नागरिक रूसी सेना में सेवा दे रहे हैं, और कुछ को यूक्रेन युद्ध के अग्रिम मोर्चों पर भी तैनात किया गया है.

    इस संवेदनशील मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए बाबुश्किन ने कहा, "रूस की ओर से कभी भी भारतीयों की भर्ती के लिए जानबूझकर कोई प्रयास नहीं किया गया है. यह एक पारस्परिक चिंता का विषय है." उन्होंने यह भी बताया कि इस मुद्दे को सुलझाने के लिए भारतीय दूतावास और रूसी रक्षा मंत्रालय के बीच समन्वय स्थापित किया गया है.

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